उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक फर्जी शिक्षकों की भरती का केंद्र बना सिद्धार्थनगर सी बी आई जांच की मांग

nizam ansari

सरकारों ने धर्म समाज और विभिन्नता के नाम पर लोगों के मन मस्तिष्क में अपने को हीरो की तरह जनता को दिखाने वाली पार्टी जब शासन सत्ता में आती है वैसे ही हर तरफ बरबादी ही बरबादी लिख दी जाती है सत्ता में आने के बाद वह जनता को भूल जाती है उसे सिर्फ पैसा ही पैसा दीखता है और कुछ नहीं |

यही कुछ खाने कमाने वाली आदत वर्ष 2007 के शिक्षक भारती में खेल किया गया पूरे जनपद में देवरिया जिले का वर्चस्व छाया रहा हर तरफ जहाँ निगाह डालिए वहीँ फर्जी मास्टर जमकर लूटा गया नेताओं ने इसे लूट लिया धीरे धीरे जनपद में फर्जी शिक्षकों की संख्या डेढ़ सौ के उपर पहुँच गयी है |

लेकिन अपने राजनितिक बाबों की शरण में झुक कर सलाम और चढ़ावा के आधार पर विभाग का चपरासी बाबु पर जाँच मंडरा नहीं सकती है चाहे तीन सौ फर्जी मास्टर लोग और अवतरित हो जायें विभाग बचा रहेगा हर हाल में लेकिन क्यों ?

फर्जी शिक्षकों की संख्या से अंदाजा लगाया जा सकता है की भरष्टाचार की जडें दो सौ करोड़ पार कर चुकी है जिस पर सी बी आई जांच होनी चाहिय |

अब ताजा मामला फिर उभर आया फतेहपुर जनपद की नमिता शुक्ला का जो वर्ष २००९ से फर्जी कागजातों के आधार पर लगभग 14 वर्षों से विभाग को सैलरी के रूप में कारोड़ों रुपये का चुना लगा चुकी है और फरार है |

सवाल यह है की विभाग नोटिस देकर जान बचा लेता है जबकि फर्जी टीचर को रिमांड पर लेकर सख्ती से पूछताछ होनी चाहिए और इस फर्जी वादे के पीछे बैठे आकाओं पर वार कब |

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