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अभिषेक शुक्ला
सिद्धार्थनगर। तीन साल पहले शासन ने जिले में पांच नई नगर पंचायतों का गठन किया था। उनमें से एक बढ़नीचाफा भी है। ग्रामीण परिवेश में जीने वाले जब नगरीय निकाय का हिस्सा बने थे तब खुश थे लेकिन विकास से खुद को कोसों दूर पाकर निराश नजर आ रहे हैं। शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है।
सड़कों की दशा बदहाल है। जलनिकासी के लिए नालियों का ऐसा अकाल है कि लोग सड़कों पर पानी न फैले अपने घरों के सामने गड्ढे खोद कर उसमें पानी गिरा रहे हैं।
नगर पंचायत बढ़नीचाफा की आबादी लगभग 70 हजार है। यहां पर 16 वार्ड बनाए गए हैं। बोर्ड का गठन हो चुका है। विकास की रफ्तार कहीं नजर नहीं आ रही है। सबसे बड़ी समस्या शुद्ध पेयजल की है।
वॉटर सप्लाई है नहीं इससे लोग देशी और जहां कहीं इंडिया मार्का हैंडपंप लगा है उसके जल का सेवन कर रहे हैं। सड़कों की हालत ऐसी है कि जगह-जगह टूट कर जर्जर हो चुकी है। जलभराव होने से राहगीरों को दिक्कत आ रही है।
नगर पंचायत बढ़नीचाफा में फिलहाल एक भी ओवरहेड टैंक नहीं है। दो टंकियां बननी है। उसकी जमीन चिन्हित हो चुकी है। बजट भी एलाट हो चुका है। टेंडर प्रक्रिया जल्द पूरी करने की बात नगर पंचायत प्रशासन करता है। ओवर हेड टैंक बनने के बाद पाइप लाइन बिछाने व उसकी टेस्टिंग का काम होगा।
जब सब कुछ सही रहा तभी सप्लाई शुरू हो सकेगी। पूरी प्रक्रिया में कितना समय लगेगा इसका सटीक जवाब नगर पंचायत प्रशासन के पास नहीं है। लोगों को शुद्ध पेयजल के लिए और कितने दिन तरसना पड़ेगा इसका कोई सकारात्मक उत्तर नहीं मिल रहा है। बस उम्मीद में जी रहे हैं।
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