मुहर्रम की दसवीं का जुलूस एस डी एम प्रदीप कुमार के नेतृत्व में सकुशल सम्पन्न ,दो दशकों में सबसे ख़राब रही सुरक्षा व्यवस्था , नीबी दोहनी में कुछ अराजक तत्वों ने जुलूस को रोका
📅 Published on: July 30, 2023
team kapilvastupost
हज़रत हुसैन की याद में प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला मुहर्रम का त्यौहार इस वर्ष भी बड़ी धूम धाम से अपने तय रूट से सहाबू उस्ताद के घर से लगभग दो बजे जुलूस निकला जुलूस का नेतृत्व जामा मस्जिद अध्यक्ष अल्ताफ हुसैन व अखाड़े का नेतृत्व इंसान अली और गजू उस्ताद की सरपरस्ती में खेल दिखाते हुवे अपने निर्धारित रूट पर बढ़ता रहा|

इस दौरान मोहल्लों और चौराहों पर विशेष रूप से अखाड़े के नौजवानों ने तलवार बाजी , लाठी और बरेठी के करतब दिखाए और लोगों की वाहवाही लूटी |जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ता रहा लगभग चार बजे जुलूस रमजान चौराहे पर पहुंचा|

जहाँ नीबी दोहनी और शोहरतगढ़ के ताजियों का मिलन कराया गया मिलन के उपरांत नीबी दोहनी के ताजिये वापस नीबी दोहनी के कर्बला / कब्रिस्तान डोई नदी कि तरफ खेल दिखाते हुवे या हसन इब्ने अली का नारा लगाते हुवे अपने गंतव्य पर पहुंचा |

वहीं शोहरतगढ़ कसबे का जुलूस रमजान चौराहे से पुलिस पिकेट से होता हुवा रामजानकी मंदिर के निकट पहुंचा जहाँ समझौते के निशान पर रुक कर अल्ताफ नेता और इंसान अली ने जलूस को सगठित करके और तरतीब में किया माइक और हार्न बंद कर दिया गया और ताजियों को क्रमवार वहां से आगे भेजा गया उसके बाद अखाड़े को सीमा रेखा के पार भेजा गया |
सीमा रेखा पार होते ही या हुसैन कि सदा बुलंद करते हुवे जुलूस गदाकुल पहुंचा और वही से कर्बला की तरफ मुड़कर कर्बला पहुंचा जहाँ ताजियों को कर्बला स्थित जलाशय में प्रवाहित कर दिया गया इस दौरान सबने दुवा की और त्यौहार का समापन हो गया |
बताते चलें कि समझौता सीमा रेखा के बीच हिन्दू समाज के चार सौ से पांच सौ लोगों कि भीड़ भरी रही जिसे खाली करने में प्रशासन को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी लगभग पांच राउंड लोगों को हटाने के बाद भी भीड़ बनी रही जिसे देखते हुवे एस डी एम प्रदीप कुमार यादव , एल आई यू के विनोद राय नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि रवि अग्रवाल ने बड़ी मेहनत के बाद हटाया |
भीड़ को एक तरफ हटाते तो दूसरी तरफ भीड़ बढ़ जाती और दूसरी तरफ से हटाते तो तीसरी गली से भीड़ सीमा रेखा के बीच बढ़ जाती मौके की नजाकत को समझते हुवे एस डी एम प्रदीप कुमार ने कड़े एक्शन लिए जिसके बाद भीड़को हटाया जा सका |
वहीं हीरा काम्प्लेक्स में भारी भीड़ को देखते हुवे थानाध्यक्ष पंकज पाण्डेय ने बाहर से सटर बंद करवाकर पुलिस वालों को तैनात कर दिया उसके बाद जुलूस पार करने की प्रक्रिया सुरु हो सकी |
समझौता रेखा के दोनों तरफ पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने से अव्यवस्था फैलने कि पूरी आशंका थी जैसा कि पूर्व में सिनेमाहाल चौराहे पर सड़क के दोनों तरफ और नगर पंचायत को जाने वाली मोड़ पर बैरीकेट लगाये जाते रहे और हर चौराहे तिराहे पर पुलिस जुलुस के अलावा किसी भी व्यक्ति को सीमा रेखा के बीच नहीं जाने देती थी |
पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पूर्व के मानकों को नहीं अपना पाई जिससे अव्यवस्था फ़ैल सकती थी | जो काम पुलिस को मजबूती से करना चाहिए था उसको एस डी एम साहब को दौड़ दौड़ कर करना पड़ा | एस डी एम प्रदीप कुमार के परिश्रम से जुलूस अपने शांतिपूर्ण उद्देश्यों को प्राप्त कर सका |



