शोहरतगढ़ सीएचसी में दिन में इमरजेंसी वार्ड में नदारद दिखे डॉक्टर, डीएम-सीएमओ के पास पहुंची शिकायत
घटना को लेकर परिजनों में दिखा आक्रोश सम्भ्रांत व्यक्तियों के समझाने बुझाने पर डेड बॉडी को लेकर घर लौटे परिजन
shrawan patwa
इन दिनों शोहरतगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुद इलाज के लिए तरस रहा है। लोग कहते है कि समय रहते अगर इसका इलाज नहीं हुआ तो इस हॉस्पिटल को गंभीर बीमारी हो सकती है।
ताजा मामला शोहरतगढ़ कस्बे का है, शनिवार को इलाज के लिए शोहरतगढ़ सीएचसी पहुंचे नगर के वार्ड नंबर 6 आर्यनगर निवासी मुजम्मिल अंसारी की इलाज शुरू होने से पहले ही मौत हो गई। परिजनों ने डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
परिजन अरमान अंसारी ने बताया बीती शुक्रवार की रात्रि करीब 2 बजे हम लोग सीएचसी शोहरतगढ़ आए थे जहां डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद स्वस्थ बताकर घर भेज दिया।
शनिवार को करीब 3 बजे के आसपास जब उन्हें फिर अचानक दर्द का एहसास हुआ तो हम लोग शोहरतगढ़ सीएचसी ले गए, जहां मौके पर कोई भी डाक्टर मौजूद नहीं था। करीब 30 मिनट के इंजतार के बाद भी मौके पर कोई डाक्टर नहीं आया।
हम लोगों ने मामले की जानकारी अधीक्षक डॉ सौरभ चतुर्वेदी को दी, उन्होंने कहा कि मैं डाक्टर को भेज रहा है, इसके बाद भी कोई नहीं आया। लापरवाही का अलाम यह है कि इलाज के अभाव में ही मेरे पिता मुजम्मिल की मौत हो गई।
लापरवाही के कारण घटी घटना को लेकर परिजनों समेत वहां मौजूद लोगों में काफी आक्रोश दिख रहा था। बहरहाल वहां मौजूद संभ्रांत व्यक्तियों के समझाने बुझाने के बाद परिजन डेड बॉडी को लेकर घर लौट गए।
घटना की सूचना पर पहुंचे चेयरमैन प्रतिनिधि रवि अग्रवाल ने जिलाधिकारी से वार्ता कर उन्हें मौके की घटना से अवगत कराया। साथ ही निवेदन किया कि इमरजेंसी में तैनात डाक्टरों की सूची नियमित बोर्ड पर चस्पा इमरजेंसी में तैनात डाक्टरों एवं कर्मियों द्वारा किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाय।
इस सम्बन्ध में जब अधीक्षक डॉ सौरभ चतुर्वेदी से बात की गई तो उन्होंने बताया मै फील्ड में हूँ। मौके पर डॉ अमित कुमार तैनात है। मैं डाक्टर साहब को बोल रहा हूं।
अब सवाल यह है कि जब रोगी की मौत हो जाएगी तो फिर डाक्टर साहब किस हालत में क्या देखेंगे समझ से परे है। इस संदर्भ में मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने घटना की जांच कराकर कार्यवाही करने की बात कही।