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कथा व्यास मान सिंह ने कहा कि मानव जीवन को 16 संस्कारो की परिपाटी में बाधा गया है
शिक्षा शरीर है तो विद्या प्राण है
kapilvastupost reporter
सिद्धार्थ नगर।
अखिल भारतीय विश्व गायत्री परिवार इकाई बर्डपुर के तत्वाधान में बर्डपुर कस्बे में स्थित श्री सिद्रेश्वर नाथ महादेव मंदिर पर आयोजित 9 दिवसीय गायत्री महायज्ञ के दूसरे दिन प्रवचन सुनाते हुए शांति कुंज हरिद्वार से आए टोली नायक मान सिंह ने कहा कि शिक्षा और विद्या दोनो एक ही सिक्के के दो पहलू है,शिक्षा शरीर है तो विद्या प्राण है,जिस प्रकार प्राण के बिना शरीर व्यर्थ होता है,उसी प्रकार शिक्षा और विद्या एक दूसरे के पूरक है।इनका क्रम संस्कारो से जुड़ा होता है।
मानव के जीवन को 16 संस्कारो की परिपाटी में बाधा गया है।वर्तमान समय मे संस्कार प्रायः लुप्त होते जा रहे है,इन्ही संस्कारो के अभाव में आज मनुष्य का जीवन मानवता से दानवता की ओर प्रेरित हो रहा है,इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए पंडित श्री राम शर्मा आचार्य ने गायत्री परिवार के द्वारा घर घर मे गायत्री मंत्र के उदघोष से सद विचार तथा यज्ञ के माध्यम से सत्कर्म और संस्कारों के माध्यम से बुरी आदतों के परित्याग करके मनुष्य मे देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्गीय परिस्थितयो का वातावरण बनाते हुए युग निर्माण योजना की आधार शिला समाज मे बनाई।
मंच पर टोली नायक व्यास मान सिंह के साथ राम नरेश,रवि शंकर गिरी राम कुमार रहे।इस अवसर पर डॉ अशोक त्रिपाठी,महादेव,ओमकार मिश्र,देवेंद्र कुमार द्विवेदी, डॉ आर पी मिश्र,कृष्ण भूषण त्रिपाठी,आत्मा राम पाण्डेय,कार्यक्रम अध्यक्ष जय प्रकाश सिन्हा, हरिश्चंद्र अग्रहरि,ओम प्रकाश यादव,विशेस्वर प्रसाद अग्रहरि,राम प्रसाद चौरसिया, राज कुमार जायसवाल,विजय जायसवाल,पुनीत जायसवाल,अनिल कुमार,संजय कुमार जायसवाल,बुद्धि सागर,जय प्रकाश गुप्त,राज कमल जायसवाल,नितेश पाण्डेय, राज कुमार मोदनवाल, मनोज मोदनवाल सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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