आजाद समाज पार्टी के चुनाव निशान केतली को लेकर अमर सिंह चौधरी और डॉ सरफ़राज़ अंसारी के बीच कानूनी खींचतान की आशंका
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ये मेरा निशान है नहीं यह मेरा निशान है कुछ यही चल रहा है आज मामला कि आजाद समाज पार्टी से पार्टी का केतली निशान अमरसिंह पाएंगे या डॉ सरफ़राज़ दोनों ही प्रत्याशियों ने एक ही पार्टी से अपना परचा दाखिल किया है
बीते 8 फ़रवरी को डॉ सरफ़राज़ ने अपना परचा आजाद समाज पार्टी से शोहरतगढ़ विधान सभा सीट से दाखिल कर चुके हैं जिनके सभी कागजात कई दौर की जांच के बाद सही पाए गए और पूर्ण रूप से सारे कागजात जमा हो चुके हैं |
वहीँ शोहरतगढ़ से अपनादल विधायक चौधरी अमर सिंह को बांसी विधान सभा सीट से समाजवादी टिकट पर चुनाव लड़ने की घोषणा हो गयी पहले तो एक बार चुनाव की तयारी दिखी लेकिन बांसी विधान सभा में वहां के समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने इस फैसले का जमकर विरोध किया | विरोध को देखते हुवे अमरसिंह ने बांसी विधान सभा सीट से चुनाव लड़ने का इरादा त्याग दिया |
अमरसिंह द्वारा समाजवादी पार्टी का ऑफर ठुकरा दिया और अपने विधानसभा शोहरतगढ़ से चुनाव लड़ने को लेकर अपने करीबी साथियों के राय पर पुनः अपनी कर्मभूमि शोहरतगढ़ को चुना और चुनाव लड़ने के लिए पार्टी का चयन करते हुवे अपने विकल्प के तौर पर AIMIM और पीस पार्टी की तरफ गौर नहीं किया और आजाद समाज पार्टी को चुना |
हाल फिलहाल 10 फ़रवरी को प्रसतावकों ने नामांकन कर दिया था और आज 11 फ़रवरी को आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी के रूप में अपना परचा दाखिल किया |
कानूनी और तकनिकी दिक्कत के बीच पड़ गया चुनाव चिन्ह केतली –
दोनों ही प्रत्याशियों द्वारा आजाद समाज पार्टी से अपना परचा दाखिल कर दिया है ऐसे में कानूनी कागजी कार्यवाही और उसकी बारीकियों को लेकर चर्चा का बाज़ार गर्म है कोई कहता है की अमर सिंह को पार्टी का चिन्ह मिलेगा वहीँ डॉ सरफ़राज़ का कहना है कि हमारे कागजात कई राउंड की जांच के बाद पूर्ण रूप में जमा हैं इस कारण से आजाद समाज पार्टी का चुनाव चिन्ह केतली मुझे दी जानी चाहिए |