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गुरु जी की कलम से
भारतीय चिकित्सा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज हुई है। विदेश में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) की स्क्रीनिंग परीक्षा पास करना हमेशा से एक बड़ी चुनौती रही है। लेकिन इस साल शोहरतगढ़ कस्बा निवासी बेलाल अख्तर , जिन्होंने विदेश से अपनी मेडिकल डिग्री प्राप्त की, ने इस परीक्षा को पास कर इतिहास रच दिया है।
बेलाल अख्तर ने किर्गिसतान स्थित ओ एस एच स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी से MBBS किया है,उन्होंने इस कठिन परीक्षा को पास किया, बल्कि उच्चतम स्कोर के साथ एक नई मिसाल कायम की। स्क्रीनिंग परीक्षा, जिसे फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम (FMGE) के नाम से भी जाना जाता है, भारत में मेडिकल प्रैक्टिस के लिए आवश्यक है।
एक मिडिल क्लास परिवार से ताल्लुक रखने वाले संघर्षसील युवा बेलाल का सफर आसान नहीं था। सीमित संसाधनों और एक नई संस्कृति के साथ तालमेल बिठाते हुए उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की।
बेलाल अख्तर ने रिपोर्टर से अपने एक्सपेरिएंस को साझा करते हुवे कहा यह यात्रा केवल मेरे सपने को पूरा करने का नहीं था, बल्कि उन सभी छात्रों के लिए एक प्रेरणा बनने का था, जो विदेश में पढ़ाई करने के बाद भारत में चिकित्सा सेवा देना चाहते हैं.
उन्होंने कहा नेशनल मेडिकल काउंसिल की परीक्षा पास करने के बाद, बेलाल ने भारतीय चिकित्सा क्षेत्र में योगदान देने का संकल्प लिया है। वह ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाने के लिए काम करने की योजना बना रहे हैं।
बताते चलें कि FMGE परीक्षा हर साल हजारों विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट्स के लिए आयोजित की जाती है। लेकिन इस परीक्षा की कठिनाई को देखते हुए इसे पास करना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है।
बेलाल अख्तर की इस उपलब्धि ने न केवल उनकी मेहनत को साबित किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि सही दिशा और समर्पण के साथ कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
उनकी कामयाबी पर जहाँ मोहल्ले वाले और सुभचिंतक इतराते फिर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ कस्बे के नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि रवि अग्रवाल, समाजसेवी श्याम जायसवाल, युवा नेता संतोष पासवान, , डॉ० सरफराज, डा० एस०के० जायसवाल, डा० शादाब अंसारी, ई० एजाज अंसारी, डॉ शाह आलम, हाफिज एजाज अहमद, सभासद अशरफ अंसारी, सभासद वकील खान, परवेज अख्तर आदि लोगों ने मुबारकबाद देते हुवे उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है.