उसका बाज़ार : क्षेत्र में संचालित तीन प्राइवेट अस्पतालों पर प्रशासन का चला चाबुक सी एम ओ ने अवैध केन्द्रों को बंद करने का दिया निर्देश
सिद्धार्थ नगर जनपद में लगातार इलाज के दौरान हो रही मौतों से आम जनता में स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली सवालों के घेरे में है | शोहरतगढ़ से सटे बभनी चौराहे पर अवैध रूप अल्ट्रासाउंड मशीन व बिना रेजिसट्रेसन अस्पतालों के संचालित होने की सुचना है अभी तक दूर दराज के इलाकों में स्वास्थ्य विभाग की पहुँच नहीं होने के कारण लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ चालू है जिसे तत्काल कण्ट्रोल में लेने की आवश्यकता है |
देवेन्द्र श्रीवास्तव
उसका बाज़ार सिद्धार्थनगर। बीते सप्ताह शासन के निर्देश पर जिले भर संचालित मान्यता और गैर मान्यता व लाइसेंस के संचालित अस्पतालों के बारे में सूचना मांगी गयी थी जिसकी जांच थाने स्तर से करवाकर सुचना संकलन किया गया था जांच में असपतालों के रेजिस ट्रेसन व कार्यरत डॉक्टरों का रेजिस ट्रेसन , अल्ट्रासाउंड व एक्स रे रेजिस ट्रेसन सहित लाइसेंस आदि की मांग की गयी थे जिसके परिप्रेक्ष्य में जांच सी एम ओ ऑफिस को सौंपी जानी थी |
जिसके क्रम में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मंगलवार को उसका बाज़ार नगर पंचायत शहर एवं क्षेत्र में छापा मारकर तीन निजी अस्पतालों की जांच करने के पश्चात विभागीय कार्यवाही कर सेंटरों को बंद करने की कार्रबाई की।
इस बड़ी कार्रवाई के बाद आसपास के निजी स्वस्थ्य केन्द्रों के शटर धडाधड गिर गए । सी एम ओ डॉ. ए के चौधरी ने उसका क्षेत्र के दो एवं शहर के एक केंद्र को बंद करने निर्देश दिए | जांच सेंटर को नोटिस भेजकर बंद करने के निर्देश दिए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसएन त्रिपाठी के नेतृत्व में औचक निरीक्षण किया। उसका बाजार में अराध्या अल्ट्रासाउंड सेंटर बिना लाइसेंस और बिना चिकित्सक के संचालित होते पाया गया ,उसका बाज़ार के ही नवजीवन असपताल को बिना पंजीकरण व बिना चिकित्सक के संचालित होते पाया गया अस्पत के मालिक को नोटिस जारी कर अस्पताल बंद करने को कहा गया |
वहीँ एक अन्य अस्पताल के एक्स रे और सी टी स्कैन को अप्रशिक्षित व्यक्तिओं के द्वारा ऑपरेट किया जा रहा था जिन्हें नोटिस देकर बंद करने के निर्देश दिए गए हैं |
बताते चलें की स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी के दौरान जिन जिन अस्पतालों पर कार्यवाही की जाती है वह पुनः एक सप्ताह के बाद फिर इलाज करने लगते हैं जिससे विभागीय कार्यवाही पर जनता के सवाल खड़े हो जाते हैं |