पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म दिवस पर उनके व्यक्तित्व एवं कृत्यों पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का हुआ आयोजन
राजकीय बौद्ध संग्रहालय पिपरहवा में आयोजित हुई छाया चित्र प्रदर्शनी
kapilvastupost reporter
सिद्धार्थनगर। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में राजकीय बौद्ध संग्रहालय पिपरहवा द्वारा उनके व्यक्तित्व एवं कृत्यों पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। जो 25 से 30 सितम्बर तक जनमानस के अवलोकनार्थ खुला रहेगा। पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म नगला चंद्रभान गांव उत्तर प्रदेश में हुआ था, उनका जीवन संघर्षपूर्ण रहा। भारतीय जन संघ के अध्यक्ष के रूप मे उन्होने महत्वपूर्ण कार्य किये। अन्त्योदय, एकात्मवाद, राष्ट्रवाद उनके जीवन दर्शन का प्रमुख आधार रहा है।उन्होंने आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना की थी।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की सोच ऐसी थी कि ज्ञान और परंपरा के आधार पर हम ऐसे भारत का निर्माण करेंगे जो हमारे पूर्वजों के भारत से भी अधिक गौरवशाली होगा। दीनदयाल जी की मृत्यु 11 फरवरी 1968 को हुई थी, जब यह अपनी पार्टी से जुड़े कार्य को करने के लिए लखनऊ से पटना की ओर जा रहे थे, इसी दौरान उनकी हत्या कर दी गई थी। भारत के महान विभूतियों में से एक महान व्यक्तित्व के पुजारी दीनदयाल जी हमारे बीच नहीं हैं। फिर भी अपने कार्यों एवं उनके दिए गए मार्गदर्शन का अनुसरण कर हम उनके सपने को साकार कर सकते हैं। छाया चित्र प्रदर्शनी के मुख्य अतिथि के मानव सेवा संस्थान सेवा के केंद्र प्रभारी जयप्रकाश गुप्ता रहे। उक्त प्रदर्शनी के अवसर पर स्थानीय विद्यालय के छात्रों शिक्षकों सहित 70 लोगों की उपस्थिति रही। प्रदर्शनी के अवसर पर अजय कुमार जयसवाल, शिवकुमार, श्री कृष्णा, दिलीप पांडेय, अनिल पाठक, रूद्रदेव पांडेय, नानावती, सुनीता चौहान, कुसुमलता जयसवाल आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। संग्रहालय के वीथिका सहायक रामानंद प्रजापति ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के व्यक्तित्व एवं कृतियों के बारे में जानकारियां दी।