मरीजों की जान से कब तक खेलते रहेंगे बिना रजिस्ट्रेशन वाले अस्पताल और डॉक्टर
हफ्ते और महीने के लेनदेन के आधार पर जनपद में लगातार हो रही इलाज के बाद मौतें स्वास्थ्य विभाग के साथ ही आम आदमी के लिए चिंता का विषय बनती जा रही है यदि बिना वैध डिग्री और बिना मानक के अस्पताल ऐसे ही चलते रहे तो जनता को आगे आना ही पड़ेगा क्योंकि किसी के जान से खेलना इतना भी आसान नहीं।
। निजी हॉस्पिटल की लापरवाही से मेडिकल कॉलेज लखनऊ में शुक्रवार को एक प्रसूता की मौत हो गई। प्रसूता के पति ने शनिवार को निजी हॉस्पिटल के खिलाफ थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है।
थाना कठेला समय माता क्षेत्र के धोबहा गांव के टोला निबिहवा निवासी शहनाज आलम ने शनिवार को कठेला थाने में तहरीर दी कि 24 अगस्त की रात उनकी पत्नी फिजा (27) को प्रसव पीड़ा के बाद कठेला कोठी के तुलसियापुर रोड स्थित अस्पताल में भर्ती कराया। हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने बिना कोई जांच किए ऑपरेशन से डिलीवरी करा दी। ऑपरेशन के बाद फिजा को इंफेक्शन हो गया। स्थिति में सुधार नहीं होने पर हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करवा कर नौ सितंबर को जिला अस्पताल सिद्धार्थनगर में भर्ती कराया। हालत बिगड़तर देख 16 सितंबर को उसे लेकर मेडिकल कॉलेज लखनऊ गया। वहां पर इलाज के दौरान 23 सितंबर को फिजा की मौत हो गई। कहा कि लापरवाह डॉक्टर और कर्मचारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए। थानाध्यक्ष कठेला सतीश कुमार सिंह ने बताया कि तहरीर मिली है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी