गोकर्ण और धुन्धकारी का रोचक प्रसंग सुन श्रोतागण हुवे भावुक

अभिषेक शुक्ला 

शोहरतगढ तहसील क्षेत्र अंतर्गत लुचुइया गांव मे स्थित प्राचीन शिव मन्दिर पर चल रहे नौ दिवसीय संगीतमयी श्रीमदभागवत कथा के दुसरे दिन गोकर्ण और धुन्धकारी का प्रसंग बडा ही रोचक रहा। जिससे श्रोतागण कथा सुनकर भावुक हो गये।

कथा वाचक पंडित संतोष शुक्ल जी महाराज ने भागवत पुराण सुनाते हुए कहा कि जब मनुष्य के जन्म जन्मांतर के पुण्य उदय होते है तब श्रीमदभागवत पुराण सुनने का सौभाग्य प्राप्त होता है।

कथा सुनाते हुए कथा व्यास ने कहा कि आत्मदेव और धुंधली से गोकर्ण और धुन्धकारी का जन्म हुआ।ब्राम्हण के द्वारा दिये गए आत्मदेव को प्रासाद से कुछ दिन बाद गाय ने एक बच्चे को जन्म दिया जो मनुष्य जैसा था लेकिन कान गाय के थे जिससे बालक का नाम धुन्धकारी रखा गया।

और धुन्धली को उसकी बहन ने एक पुत्र दिया जिसका नाम धुन्धकारी पडा। गोकर्ण तो ज्ञानी और पंडित निकला जबकि धुन्धकारी दुष्ट और दुराचारी निकला,और अपने कुकर्मो से प्रेत बन गया।

जब गोकर्ण को यह बात मालूम हुआ तो बहुत दुख हुआ जिससे गोकर्ण ने श्रीमदभागवत पुराण कथा का आयोजन किया जिससे माता-पिता और प्रेत भाई धुन्धकारी को मोक्ष की प्राप्ति हुई।

श्रीमदभागवत कथा के आयोजक प्रधान संघ के जिलाध्यक्ष डा0 पवन मिश्र ने कहा कि हर वर्ष हमारे यहां श्रीमदभागवत कथा का आयोजन होता है इस बार पांचवा वर्ष है। कथा पंडाल मे श्रद्धालुओ के बैठने की समुचित व्यवस्था किया गया है। डा.पवन मिश्र ने दूर दराज से आये कथा प्रेमियो का स्वागत और सम्मान किये।

इस दौरान डा.पवन मिश्र, विजय मिश्र, धर्म जागरण मंच के जिला संयोजक गणेशकान्त उपाध्याय, क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रतिनिधि संजय मिश्र,शिक्षक उपेंद्र उपाध्याय, रमेश पाण्डेय, प्रधान प्रतिनिधि गंगाधर मिश्र, भाजपा नगर मीडिया प्रभारी राघवेन्द्र द्विवेदी, रमेश पाण्डेय, विवेक उपाध्याय, सूर्यकान्त उपाध्याय आदि लोग मौजूद रहे।

error: Content is protected !!
Open chat
Join Kapil Vastu Post