बर्बाद होते होते बची धान की फसल लगातार 9 घंटे की बारिश ने किसानों को खुशी से भिगोया

अभिषेक शुक्ला
सिद्धार्थनगर। जिले में लगभग एक माह से उपर हो गए हैं बारिश नहीं हुई है। रविवार की शाम दो घंटे की घनघोर बारिश हुई और फिर रात में भी हल्की बारिश हुई है। सोमवार को भी लगभग आठ बजे से तेज बारिश का क्रम जारी रहा जो सुबह तक चला ।

बारिश होने से उमस भरी गर्मी से लोग तो तड़प ही रहे थे किसान की सूखती फसल, खेतों में पड़ी दरार से सूखे की आशंका से चिंतित थे। रविवार और सोमवार शाम को मूसलाधार बारिश ने खेत खलिहानों की प्यास बुझा दी। सावन के झूम कर बरसने से किसानों के चेहरे पर रौनक लौट आई है। किसानों की फसलों में अब जान आ गई है।

जिले में पिछले एक माह के दौरान एक बार भी मूसलाधार बारिश नहीं हुई। कभी किसी इलाके तो कभी किसी और क्षेत्र में पांच-दस मिनट की हल्की बारिश ने जरूर दस्तक दी थी लेकिन उससे उमस कम हो रही थी और धान की फसल को लाभ मिल रहा था।

पांच-दस मिनट की बारिश के बाद तेज धूप निकल जाने से खेतों की नमी गायब हो जा रही थी। फसलें पीली पड़ गई थीं। खेतों में मोटी-मोटी दरारें पड़ गई थीं। किसानों ने रोपाई के लिए पंपसेट का इस्तेमाल कर लिया था उसके बाद पानी जरूरत पड़ी तो जेब जवाब दे चुकी थी। हर दिन आसमान में काले बादल आकर लौट जा रहे थे इससे किसानों ने बेहतर फसल होने की उम्मीद ही छोड़ दी थी क्योंकि वह खेतों की सिंचाई नहीं कर पा रहे थे।

रविवार शाम को मूसलाधार बारिश शुरू हुई तो किसानों के चेहरों पर चमक बिखर गई। सिताऊ प्रसाद, रामदेव, राम मिलन आदि किसानों ने कहा कि बारिश अमृत है। सिंचाई के लिए पैसे नहीं थे। कुदरत ने हम लोगों की सुन ली और झमाझम बारिश कर दी। अब सूख रही फसल को संजवनी मिल जाएगी।उत्पादन भी अच्छा होगा।

नहीं बढ़ रहे थे पौधे किसानों ने नर्सरी से लाकर धान के जितने बड़े पौधे रोपे थे वह सिंचाई के अभाव में उतने ही बड़े रह गए थे।

उनका ग्रोथ पूरी तरह से रुक गया था। पानी की कमी से पीले पड़ने लगे थे। अगर समय से बारिश हो गई होती तो अब तक कल्ले फूटने का समय आ चुका होता। रविवार को हुई मूसलाधार बारिश से पौधों को रुका ग्रोथ हो सकेगा और जल्द धान में कल्ले भी फूटने लगेंगे।

1.71 हजार हेक्टेयर लक्ष्य जिले में धान बोने का लक्ष्य इस बार 1.71 हजार हेक्टेयर रखा गया था। 90 फीसदी से ज्यादा किसानों ने अपने खेतों में रोपाई कर रखी है। कालानमक धान की रोपाई करने वाले कुछ किसान ही हैं जिन्होंने अब तक अपने पूरे खेतों में रोपाई में नहीं की है।

बारिश से मिली राहत, किसानों में खुशी डुमरियागंज। आसमान से बरस रही आग से जन जीवन बेहाल था। रविवार शाम तेज हवा के साथ तेज बारिश होने से पूरा वातावरण ठंड हो गया। किसान जहां अपने खेतों में पंपसेट से पानी चला रहे थे। बारिश हो जाने की वजह से राहत की सांस ली। इससे किसानों के चेहरे पर खुशी देखी गई।

किसान रामानंद, राम अचल, ऐश मोहम्मद, शहजाद, अली कदर, कामयाब हैदर, शकील आदि ने बताया कि इधर बारिश न होने से खेतों में दरारें पड़ गईं थी। उन्होंने कहा कि अगर इसी प्रकार बारिश हुई तो धान की अच्छी उपज हो सकती है।

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