बच्चों के चतुर्दिक विकास मे माताओं की होती है अहम भूमिका: सुनील अग्रहरि

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बच्चों के चतुर्दिक विकास के लिए तथा उन्हें नियमित करने के लिए समय की प्रतिबद्धता होनी चाहिए , बच्चे की अच्छी जानकारी , अच्छा संस्कार होने की अपेक्षा हम सभी रखते है। इस आधुनिकता के दौर में घर पर तथा बाहर बच्चे के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है तथा बच्चों के चतुर्दिक विकास में माताओं की भूमिका अहम मानी जाती है। उक्त बातें दयानन्द एवम आर्यकन्या विद्यालय के प्रांगण में आयोजित मातृ सम्मेलन कार्यक्रम को बतौर अतिथि चेयरमैन सुनील अग्रहरि ने कही। उन्होने कहा कि किसी दूसरे को नसीहत देने से पहले स्वयं मे सुधार की आवश्यकता है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विद्यालय के व्यवस्था प्रभारी बीपी त्रिपाठी ने अपने संबोधन में कहा कि किशोरावस्था में बच्चे अपरिपक्व होते है इसी समय बच्चो को विशेष देखरेख करने की आवश्यकता है। हमें बच्चों को मानसिक रूप से समझाने , प्रेरित करने व बच्चे के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है।

स्वाध्याय के लिए अभिभावकों को बच्चे के प्रति ध्यान देने की जरूरत है। बाल्यावस्था से ही बच्चों के हरेक क्रिया कलाप पर बारीक निगाह रखें। कार्यक्रम में छात्रों द्वारा सोशल मीडिया पर कटाक्ष , विद्यालय के छात्रों द्वारा सूर्यंयान , चंद्रयान तथा अग्नि मिसाइल के प्रोजेक्ट की प्रस्तुति कौतूहल का विषय बना रहा। छात्राओं द्वारा प्रस्तुत नेपाली गीत ने जबरदस्त वाहवाही बटोरी।

कार्यक्रम को प्रधानाचार्या श्रीमती शीला पाण्डेय , सभासद निजाम अहमद , अरविंद झा आदि ने भी संबोधित करेंगे। संचालन विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक जुग्गीराम राही ने किया ।

इस दौरान प्रधानाचार्य एसपी निगम , अतुल शुक्ला , मनोज त्रिपाठी , राम बरन यादव , लवहर राम , दीपक अग्रहरि , राजेश कुमार , जनार्दन प्रजापति, जैसराम प्रजापति, राम रूप पाण्डेय , वीरेन्द्र पाण्डेय , प्रभू दयाल , सुधीर पाठक , राजेश त्रिपाठी, रेणुका श्रीवास्तव , रीता शाही , कृष्णा सैनी, वर्षा वर्मा , नीलम गुप्ता , शिवानी मोदनवाल , प्रतिभा पटवा , सोनिया यादव आदि सैकड़ों मातृ शक्तियां मौजूद रहीं।

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