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मनरेगा श्रमिकों के काम के भुगतान का अभी कोई आधिकारिक पत्र नहीं आया है – बी डी ओ बढ़नी
Kapilvastupost
सरकार द्वारा गांव के मजदूरों के रोजगार के लिए चलाए जा रहे महत्वपूर्ण योजना गावो में मनरेगा योजना से हो रहे विकास कार्यों में लगे मजदूरों की मजदूरी विगत तीन माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी मजदूरी का पैसा नही आ रहा है।
हर महीने अफवाहों का बाजार गर्म रहता है कभी अफवाह उड़ी है जनवरी के पहले हफ्ते में पेमेंट मिल जायेगा कभी 21 जनवरी तक पेमेंट की अफवाह उठती रही है लेकिन मजदूरी के नाम पर फूटी कौड़ी श्रमिकों को नसीब नहीं हुई।
जिससे ग्रामीण मजदूरों सहित ग्राम प्रधान भी हैरान परेशान है। जबकि मनरेगा के कच्चे कार्यों पर 14 दिन के अंदर मजदूर के खाते में उनकी मजदूरी पैसा आ जाना चाहिए। लेकिन तीन माह से पैसा न आने से मजदूर ग्राम प्रधान का सुबह से ही घर घेर रहे है कि मजदूरी कब आएगा।
मनरेगा योजना में हो रहे कच्चे कार्यों का पैसा नहीं मिलने से
रोटी के लाले पड़े हुए हैं।
सबसे ज्यादा दिक्कत तीन माह से ऊपर हो गया नही आने के कारण मनरेगा मजदूर प्रधानों के घर सुबह सुबह पहुंच कर डेरा डाल देते हैं उनकी जरूरतें देख हमको दुख होता है लेकिन भुगतान नहीं होने से प्रधान भी दुखी हैं।
वहीं मजदूरी का कहना है कि काम तो प्रधान ने हमसे करवाया है श्रमिकों की मजदूरी तो मजदूर तो मजदूरी के बारे में उन्हीं से पूछेंगे, कि क्यों नहीं नह आ रहा है। कई ग्राम प्रधानों ने बताया कि तीन महीने से पैसा नहीं आने से मजदूर परेशान है और रोज सुबह से ही अनेकों मजदूरी कहता है कब आएगा कब मिलेगा।
गाव के लोगो की जीविका उसी मजदूरी पर ही टिकी रहती है। खान पान से लेकर दवाई तक मजदूरी पर ही टिकी रहती है। प्रधानों का कहना है कि अब हम लोग कितना मदद कर पाएंगे। मनरेगा योजना में नियम है कि 14 दिन के अंदर मजदूर की मजदूरी उसके खाते में चली जानी चाहिए। लेकिन नियम कायदा का कोई मायने नहीं दिखाई दे रहा है। अगर मजदूरी पेमेंट का यही हाल रहा तो कोई भी आदमी मनरेगा योजना में काम ही नहीं करेगा।
मनरेगा योजना में 14 दिन में श्रमिकों का मजदूरी भेजने का है नियम तीन माह से ऊपर हो गया नही आ रहा है मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी।
वहीं जो प्रधान आर्थिक रूप से मजबूत हैं या बिजनेस करने वाले है वह तो किसी तरह से थोड़ा बहुत श्रमिकों को देकर बहलाए रहते हैं पर इससे श्रमिकों का भला नहीं होने वाला मजदूरों की स्थित बिगड़ रही है।
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