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सिद्धार्थनगर, 11 अगस्त 2024: जिले में प्राइवेट प्रैक्टिशनर और अस्पतालों के नवीनीकरण की सैकड़ों फाइलें महीनों से मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) के दस्तखत के इंतजार में पड़ी हैं। प्रशासनिक सुस्ती और मानकों की अनदेखी के आरोपों ने एक गंभीर प्रश्न खड़ा कर दिया है कि क्या जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन में भ्रष्टाचार और लापरवाही का बोलबाला हो गया है?
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सूत्रों के अनुसार, इन फाइलों को लंबित रखने के पीछे CMO कार्यालय में चल रही कथित वित्तीय लेनदेन की गड़बड़ियों की चर्चा जोरों पर है। आरोप है कि वर्षों से स्वस्थ्य सेवा क्षेत्र में कार्य कर रहे अस्पतालों और स्वतंत्र रूप प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टरों का नवीनीकरण बाबुओं के संवैधानिक रवैय्ये से मेल नहीं खा रहा है दूसरी तरफ कुछ मानक विहीन और अव्यवस्थित अस्पतालों को ‘स्टैंडर्ड’ दिखाने के लिए टेबल के नीचे हाथ बढाया गया है वहीं, जो अस्पताल और प्रैक्टिशनर इस अनैतिक प्रक्रिया में शामिल नहीं हो रहे हैं, उनकी फाइलें महीनों से अटकी पड़ी हैं, जिससे उन्हें नवीनीकरण की प्रक्रिया में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
इस स्थिति ने जिले के स्वास्थ्य सेवा के मानकों पर एक बार फिर से गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी और मानकों को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों पर है, यदि वही प्रक्रिया में अड़चन पैदा कर रहे हैं, तो यह जिले की जनता के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। ऐसे में यह भी आशंका जताई जा रही है कि कई अस्पताल बिना आवश्यक मानकों को पूरा किए ही नवीनीकरण की मंजूरी पा रहे हैं, जो मरीजों की सुरक्षा और सेवा की गुणवत्ता के लिए हानिकारक हो सकता है।
इस मामले को लेकर जिले के प्राइवेट डॉक्टर्स एसोसिएशन व अस्पताल संघ के अन्दर भी आवाज उठ रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन अस्पतालों में मानकों के तहत कार्य हो रहे हैं वह भी और जो मानकों के अनुरूप नहीं है वे केवल धनबल के आधार पर ‘स्टैंडर्ड’ बन रहे हैं। ऐसे में सही मायनों में सेवा देने वाले अस्पतालों को नवीनीकरण के लिए परेशान किया जा रहा है।”
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की जा रही है। जिले के डीएम साहब से अपेक्षा की जा रही है कि वे इस मामले में सख्त कार्रवाई करें और स्वास्थ्य सेवाओं की नवीनीकरण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएं। साथ ही, CMO कार्यालय में चल रही कथित अनियमितताओं की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो सके और जनता को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं मिल सकें।
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