मोहल्ले वालों ने आरोप लगाया कि विसर्जन जुलूस के समय उनके मोहल्ले में एक भी पुलिस नहीं थी |
अभी बीते अक्टूबर माह में बढनी कसबे में एक मुस्लिम दुकानदार की जबरदस्ती दूकान बंद करवाने को लेकर धार्मिक उन्माद भड़काया गया था जिस पर पुलिस तीन नामजद व लभगग दो सौ अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था और गिरफ़्तारी भी हुई | इसके बावजूद अराजकता में कमी नहीं आयी ?
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बढ़नी, सिद्धार्थनगर। ढेबरुआ थाना क्षेत्र के अंतर्गत बढ़नी नगर में रविवार को फिर से सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया गया। इस घटना से स्थानीय समुदाय में तनाव फैलाने की कोशिश की गई। मोहल्ला आजाद नगर, वार्ड नं. 8 के निवासियों ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को एक प्रार्थना पत्र देकर धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने में शामिल असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
सूत्रों के अनुसार, 3 नवंबर 2024 को लक्ष्मी मूर्ति विसर्जन के जुलूस के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने स्थानीय निवासियों के घरों के सामने रंग फेंका, पटाखे फोड़े और आपत्तिजनक नारे लगाए। इस दौरान डीजे पर तेज आवाज में संगीत भी बजाया जा रहा था।
निवासियों का कहना है कि जब यह सब हो रहा था, तब पुलिस प्रशासन का कोई भी अधिकारी वहां मौजूद नहीं था। कुछ समय बाद पुलिसकर्मी पहुंचे और हल्की डांट-डपट कर भीड़ को वहां से हटा दिया। स्थानीय लोगों ने आशंका जताई कि यदि उस समय दूसरे पक्ष से कोई प्रतिक्रिया दी जाती, तो स्थिति गंभीर हो सकती थी।
निवासियों का कहना है कि हाल ही में 6 अक्तूबर 2024 को कस्बा बढ़नी में भी एक घटना के विरोध प्रदर्शन के दौरान सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हो गया था। उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाया कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए पहले से सख्त कदम उठाए जाने चाहिए थे।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि नगर में घटित कुछ दिन पहले की घटनाओं को गंभीरता से लिया गया होता तो शायद यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती।