एहसान फरामोश है वो शख्स जो जनाबे खदीजा के एहसान को भूल जाय

तस्दीक हुसैन

डुमरियागंज सिद्धार्थ नगर
डुमरियागंज तहसील क्षेत्र के कस्बा हल्लौर में अय्यामे फातमी के उन्वान से तीन रोजा मजालिस का आयोजन इमाम बारगाह वक्फ शाह आलमगीर सानी में पैरवाने विलायत की जानिब से किया गया जिसकी पहली मजलिस मौलाना तस्दीक हुसैन क़िब्ला जैदपुर ने पढ़ा उन्होंने कुरआन से सूरए कौसर की तफसील बयान की उसके बाद उन्होंने कहा कि रसूले अकरम के बाद अगर कोई अफजल है तो मौला अली है एहसान फरामोश है वो शख्स जो जनाबे खदीजा के एहसान को भूल जाए अगर इनकी कूवत और दौलत न होती तो आज अज़ान की आवाज हमारे कानो से न टकराती पैगम्बर दरे सैय्यदा पर आते तो पहले सलाम किया करते थे ।

ये जनाबे फातिमा जहरा की अजमत है अगर बीबी रसूल के पास आती तो बेटी की ताजीम के लिए खड़े हो जाते और जहां बैठते थे वहां बिठाया करते थे आखिर में मसाएब बयान किया किस तरह से बीबी का दरवाजा जलाया गया किस तरह मोहसिन की शहादत हुई दरवाजा गिरने से बीबी की पसलिया टूट गई दरवाजा बीबी पर गिरा आवाज दी फ़िज़्ज़ा मेरी मदद करो मेरा बच्चा शहीद हो गया
मजलिस से पूर्व मर्सियाखानी शाहिद आलम और उनके हमनवा ने पढ़ा
मजलिस में काजिम रजा मौलाना मोजिज़ वसी हैदर हैदर रिज़वी मोहम्मद हैदर काजिम रजा इमाम हैदर आजादर हुसैन तश्बीब हसन शमीम अहमद अजीम हैदर दरयाफ्त हुसैन हाशिम रिज़वी सैफ गुलाम मेहदी सलमान मेहदी अजीम रिज़वी आमिर रिज़वी मोजिज़ करबलाईअमन आदि मौजूद रहे

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