सिद्धार्थ नगर – अवैध कब्जा हटाने में नाकाम रहा तहसील प्रशासन, सिंडिकेट के सामने नत्मस्तक हुआ देश का कानून, दस रुपये के स्टाम्प पर बेच दिया सालिया की जमीन

साल 2016 में सालिया को पट्टे पर मिली सरकारी जमीन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। सालिया का आरोप है कि उनकी जमीन को तीसरे पक्ष ने अवैध रूप से किसी अन्य व्यक्ति को बेच दिया। यह जमीन अभी भी नए मालिक के कब्जे में है, और सालिया को उनके अधिकार से वंचित रखा गया है।

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सालिया सालिया सालिया हर तरफ बस एक ही नाम 2016 से चलता चला आ रहा है जिले के एक इमानदार जिलाधिकारी डा डी राजा गणपति आर के आने के बाद पिछले कुछ दिनों से यह नाम काफी उछल रहा है. डी एम साहब के कार्य प्रणाली ने हर जनमानस के अंदर न्याय की आस को मजबूत किया है अब तक बहुत सारे लोगों को न्याय मिल चुका है और लगातार मिल भी रहा है.|

अगर किसी को न्याय नहीं मिल रहा है तो वह सालिया है जो इन दिनों चर्चा के केंद्र में है. |

तहसील प्रशासन के द्वारा साल 2016 में मिले आवासीय पट्टा जब से मिला है तब से उसकी परेशानियाँ बढ़ गयी है . |

सालिया का पति सिलाई का कारीगर है पति मुनीर अपनी मेहनत से दिन के जो भी दो तीन सौ कमाते है उसी में परिवार खुश था.|

लेकिन पट्टा मिलने के बाद उसके खिलाफ तरह तरह की शाजिशें होने लगी परिवार सहमा रहता वह लोगों से अपनी परेशानियां बताता रहा धीरे धीरे उसके परिवार की तरफ लोगों ने मदद का हाथ बढ़ाया तब जाकर उसे कब्जा मिला वह भी बहुत थोड़े से भाग पर |

2016 से लेकर आज 2024 आते आते उसे अपनी पूरी जमीन पर कब्जा नहीं मिला इस दौरान थाना तहसील के चक्कर लगाता रहा इस दौरान उसकी पट्टे की जमीन को शक्तिशाली सिंडिकेट द्वारा पट्टे की जमीन को बेचा दिया गया. प्रशासन की जानकारी में |

2016 से नोटिस और अवैध कब्जा हटाने को लेकर खेल होता रहा.लेकिन गरीब के न्याय के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया और न ही सरकारी भूमि को बेचने वालों पर शिकंजा कसा गया |

सालिया की जमीन विवाद: प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा 

तीन अगस्त 2024 डी एम डा डी राजा गणपति आर की अध्यक्षता वाले तहसील समाधान दिवस में सालिया की तरफ से प्रार्थना पात्र दिए जाने के बाद तहसील प्रशासन द्वारा अवैध कब्ज़ा हटाने गुरुवार को पहुंचे तो कब्जाधारी ने उल्टे प्रशासन से ही लिखित  कागजात की मांग करने लगे |

इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं आम जनमानस का आरोप है कि प्रशासन ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया, जिससे सालिया को लगातार न्याय के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
सालिया ने कहा मुझे न्याय मिलने में देरी हो रही है। मेरी जमीन छीनकर किसी और को दे दी गई है, और प्रशासन इसे रोकने में असफल रहा है। नीचे दिया गया लिंक जमीन से जुड़े सारे विवाद का पर्दाफास कर देगी |

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