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kapilvastupost
सिद्धार्थनगर। तहसील इटवा के ग्राम पंचायत दखिनहवा में न्याय पाना कितना कठिन हो सकता है, इसका उदाहरण एक पीड़ित व्यक्ति की पीड़ा है। पीड़ित ने लगभग 25 साल पहले बैनामा लिया था और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास भी प्राप्त किया था। लेकिन अब दबंगों द्वारा स्थानीय ग्राम प्रधान और चौकी पुलिस की मिलीभगत से उसे उसके ही घर से बेदखल किया जा रहा है।
पीड़ित का कहना है कि वह वर्षों से इस जमीन पर काबिज है, लेकिन अब दबंग जबरन कब्जा कर रहे हैं और पुलिस-प्रशासन भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है। स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि उसे घर छोड़कर तिरपाल तानकर रहने को मजबूर होना पड़ा है।
इस अन्याय से परेशान होकर पीड़ित ने एसडीएम इटवा को लिखित तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है। मामले को संज्ञान में लेते हुए एसडीएम इटवा कुणाल ने बताया कि तहसीलदार को भेजकर मामले की जांच कराई जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन की कार्यशैली पर उठे सवाल
यह पहला मामला नहीं है जब किसी गरीब को दबंगों द्वारा इस तरह बेघर किया गया हो। प्रशासन पर अक्सर यह आरोप लगता है कि वह रसूखदारों के आगे कमजोर वर्ग के लोगों को न्याय नहीं दिला पाता। स्थानीय पुलिस और ग्राम प्रधान पर मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस गरीब व्यक्ति को न्याय दिलाने में कितना सफल रहता है या फिर यह मामला भी कागजों में दबकर दम तोड़ देगा।