पी एम गरीब कल्याण अन्न योजना आम आदमी को राहत और सांसत दोनों राशन तौलने के नाम पर गरीबों से जबरदस्ती पैसे वसूल रहे कोटेदार
राशन कार्ड धारकों का हो रहा शोषण : राशन तौल के नाम प्रतिकार्ड 5 से 10 रुपये नाजायज वसूल रहे कोटेदार कोई देख रेख नहीं सहयोग के बदले मिलता है सहयोग डी एस ओ बृजेश मिश्र ने कहा है कि सारे राशन निशुल्क हैं किसी भी तरह का चाहे राशन तौलने के ही नाम पर वसूली हो अवैध है ।
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सिद्धार्थ नगर – आम आदमी की जिंदगी में खाद्य सुरक्षा योजना तहत प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज की गारंटी दो किलो गेहूं और तीन किलो चावल या विशेष परिस्थितयों में 5 किलो चावल या पांच किलो गेहूं दिया जाता है आम आदमी को इससे काफी सहूलियत मिलती रही है |
कोरोना लॉक डाउन के समय केंद्र सरकार द्वारा प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की सुरुवात हुई जिसके अंतर्गत प्रति व्यक्ति 5 किलो राशन फ्री में राशन दिया जाता है यह योजना कोरोना लॉक डाउन गरीबों अति गारीबों और आर्थिक रूप से तंगहाली व परेशान परिवार को दो जून की रोटी बहुत ही आसानी से प्राप्त होने लगी |
महीने दर महीने योजना परवान चढ़ने लगी वहीँ दूसरी ओर कोटेदारों को अन्दर ही अन्दर यह व्यवस्था खलने लगी फिर अचानक ही पी डी एस सिस्टम में एक बड़ा बदलाव हो गया अचानक से ही कोटेदार राशन कार्ड धारकों से प्रतिकार्ड राशन तौल के नाम पर पैसे वसूले जाने लगे अब यह व्यवस्था लगभग अधिकतर जगहों पर अमली जामा पहन चुकी है |
अब इस व्यवस्था को लेकर लोगों में गुस्सा फूट रहा है लोग सोशल media whatsapp और फेसबुक के माध्यम से आदरणीय अधिकारीयों का ध्यान आकृष्ट करना चाहते हैं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है लोग प्रशासन के आला अधिकारीयों को कोस रहे हैं लगातार आरोप लगाये जा रहे हैं की अधिकारी और कोटेदार मिलकर जनता से जबरदस्ती वसूली का खेल खेल रहे हैं |
इधर कोटेदार भी मस्त होकर डांट फटकार लगाकर जबरन वसूली साहब के नाम पर करते हैं क्योंकि शिकायत पहले स्थानीय स्तर पर होता है इंस्पेक्टर साहब तो हैं ही लखनऊ शिकायत करो तब भी हमारे साहब तो हैं ही रिपोर्ट यही लगायेंगे होना जाना कुछ नहीं है |
प्रदेश और केंद्र सरकार द्वारा 3 माह तक गरीब कल्याण अन्न योजना बढ़ाये जाने से जनता खुश है वहीँ दूसरी ओर कोटेदारों द्वारा लुटे जाने का दुःख भी |
यह विश्वास कोटेदारों में किस कारण से पनप रहा है और यह किस हद तक जायेगा कुछ कहा नहीं जा सकता कितनी सरकारें बनी बिगड़ी पर राशन प्रणाली की व्यवस्था किसी भी सरकार के बस की बात नहीं रही कि वह उचित तौल और उचित मूल्य पर कोटेदारों से अनाज दिला सके |
सवाल यह है की इस अव्यवस्था से लडेगा कौन ऐसे समय में जब कहीं सुनवाई की कोई गुंजाईश ही नहीं है क्या वर्तमान उत्तर प्रदेश की शक्तिशाली सरकार बदलाव ला सकती है जिसे आम जनता ने अपने विश्वास पर अपने आँखों पर बिठा रखा है जिसे यह भरोषा है की योगी जी मोदी जी जरूर करेंगे |
लोक तंत्र के कथित चौथे स्तम्भ से भी जनता को कोई उम्मीद नहीं रह गयी है जो दिन रात अधकारियों सरकार की योजनाओं और उद्घाटन से हटकर कभी आम जनता से जुड़े कामों के प्रति उनके अधिकारों के प्रति कोई सरोकार नहीं तब भी नहीं जब जनता चीख चीख कर कह रही हो बचा लो कोटेदारों से तो कौन बचाएगा इन्हें |
बताते चलें की जिस रफ़्तार से सी एम योगी का बुलडोजर चल रहा है आम जनता में इस बात का विश्वास भी बढ़ रहा है की जल्द ही प्रदेश की पी डी एस सिस्टम को भरष्टाचार से मुक्ति मिलेगी |