फागू शाह मजार पर प्रशासनिक कार्रवाई को आजाद समाज पार्टी ने बताया अलोकतांत्रिक, कहा – “हिंदू-मुस्लिम एकता को तोड़ने की साजिश”

Kapilvastupost सिद्धार्थनगर।
फागू शाह बाबा की ऐतिहासिक मजार पर प्रशासन द्वारा की गई ध्वस्तीकरण कार्रवाई को लेकर आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने कड़ा विरोध दर्ज किया है। पार्टी के प्रदेश सचिव ऋषिकेश उर्फ बब्बू भइया ने इसे न सिर्फ असंवैधानिक बताया, बल्कि भाजपा की नफरत की राजनीति का हिस्सा करार दिया।

उन्होंने कहा कि फागू शाह बाबा की मजार वर्षों से हिन्दू-मुस्लिम एकता और सामाजिक सौहार्द का प्रतीक रही है। यहां हर धर्म और वर्ग के लोग श्रद्धा से आते रहे हैं, लेकिन भाजपा के इशारे पर प्रशासन ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए न केवल धार्मिक आस्थाओं को आहत किया बल्कि संविधान के मूल सिद्धांतों को भी दरकिनार कर दिया।

ऋषिकेश ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने मजार कमेटी से जुड़े लोगों को न तो कोई पूर्व सूचना दी और न ही धार्मिक प्रतीकों व ग्रंथों को सुरक्षित करने का अवसर। “मजार में मौजूद कुरान शरीफ, धार्मिक किताबें और अन्य पवित्र प्रतीक प्रशासन की कार्रवाई में अपवित्र हुए हैं। यदि यह तथ्य सत्य हैं तो यह एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय घटना है, जिससे मुस्लिम समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं,” उन्होंने कहा।

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या सरकार अब ऐतिहासिक और सांप्रदायिक सौहार्द के प्रतीकों को मिटाने के लिए अपने प्रशासनिक तंत्र का दुरुपयोग करेगी? आजाद समाज पार्टी ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो पार्टी सड़क से संसद तक आंदोलन करेगी।

स्थानीय जनता में नाराजगी:
इस कार्रवाई को लेकर स्थानीय क्षेत्र में भी व्यापक असंतोष देखा जा रहा है। आम नागरिकों का कहना है कि धार्मिक स्थलों पर प्रशासनिक हस्तक्षेप से सामाजिक तानेबाने पर गहरा असर पड़ता है और इससे समुदायों के बीच अविश्वास पैदा होता है।

पार्टी की अपील:
आजाद समाज पार्टी ने देश के संविधान और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा के लिए सभी धर्मनिरपेक्ष दलों और सामाजिक संगठनों से एकजुट होने की अपील की है। पार्टी का कहना है कि यह केवल एक मजार का मुद्दा नहीं, बल्कि देश की गंगा-जमुनी तहजीब की रक्षा का सवाल है।

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