आवासीय पट्टा भूमि पर छत ढलाई के काम में अवरोध , लेखपाल पर एक लाख घूस मांगने का संगीन आरोप आरोप , बिना आदेश के निर्माण कार्य रुकवाने का पुलिस पर आरोप

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शोहरतगढ़ / सिद्धार्थ नगर – तहसील व थाना शोहरतगढ अंतर्गत स्थिति ग्राम पंचायत निवासिनी गुड़िया पत्नी कैलाश धोबी लेखपाल सुनील श्रीवास्तव के क्रियाकलापों से इतना व्यथित है कि उन्हें जिलाधिकारी सिद्धार्थ नगर से निर्मित दीवार पर स्टरिंग सुधा आवासीय पट्टा भूमि गाटा संख्या 99घ मि. में रकबा 0.013 हेक्टेयर आवासीय पट्टा 12/03/2020 को स्वीकृति हुआ है |

पर रुके हुए छत निर्माण के कार्य शुरू करानें की मांग किया गया है । गुड़िया को 2017 में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण से आवास भी प्राप्त हो चुका है प्राप्त राशि में मकान का निर्माण भी पीड़ित द्वारा किया गया है और शेष भाग का निर्माण कुछ माह पूर्व प्रारंभ किया गया नींव और दीवार के निर्माण के समय किसी प्रकार का विवाद नहीं था |

परंतु जब स्टरिंग कर के घोराई का कार्य शुरू किया गया तो अचानक लेखपाल व प्रधान द्वारा पुलिस के सहयोग से घोराई कार्य को रोकवा दिया गया, निर्माण रोकने के संबंध में किसी प्रकार का लिखित आदेश नहीं था इसके बावजूद पुलिस द्वारा दबंगई पूर्वक घोराई का कार्य रोकवा दिया गया।

इस संबंध में पीड़ित द्वारा बताया गया कि लेखपाल सुनील श्रीवास्तव द्वारा एक लाख रुपए की मांग किया गया था और जब नहीं दिया गया तो व तरह-तरह की साजिशें रच रहा है कि जब घोराई कार्य नहीं होगा तो विवश होकर पैसा देना ही पड़ेगा।

लेखपाल द्वारा कही कही पट्टा निरस्तीकरण वाद को आधार बनाया गया परंतु संबंधित वाद में गुड़िया प्रतिवादी नहीं है अर्थात उस वाद में गुड़िया का नाम ही नहीं है इसके बावजूद वाद को आधार बनाया जा रहा है।

लेखपाल द्वारा कही कही यह भी कहा गया कि अधिक रकबे में निर्माण हो रहा है लेकिन जब पट्टा स्वीकृति हुआ था तो तत्कालीन लेखपाल द्वारा माप कर रकबा दिया गया था और मापी सुधा रकबे में ही निर्माण हो रहा है, तत्कालीन लेखपाल द्वारा सड़क की पटरी से मापकर दिया गया था और अब सुनील श्रीवास्तव द्वारा बीच सडक से माप कर अधिक रकबे में निर्माण कार्य सिद्ध किया जा रहा है।

उपरोक्त प्रकरण में सबसे बडी भूमिका पुलिस विभाग की है जो लेखपाल के मौखिक आदेश पर निर्माण कार्य को रोकवा देते हैं ऐसा पीड़ित पक्ष द्वारा कहा जा रहा है कि हमारे द्वारा आदेश की मांग किया गया था परंतु पुलिस द्वारा कोई आदेश नहीं दिखाया गया था।

पीड़ित द्वारा बताया गया कि इस विवाद का प्रमुख कारण पंचायत चुनाव में वर्तमान प्रधान को वोट व लेखपाल को एक लाख रुपए न देना है और यदि लेखपाल को एक लाख रुपए दे दें तो सभी विवाद समाप्त हो जायेगा।

इस संबंध में जिलाधिकारी सिद्धार्थ नगर द्वारा पीड़ित गुड़िया के मौखिक और लिखित आरोपों के जांच हेतु तहसील प्रशासन शोहरतगढ को आदेशित किया है।कहा गया कि जांच में जो भी आरोपी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई किया जायेगा।

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