इंसानों की रहनुमाई के लिए कुरआन पाक का इल्म जरूरी

डॉ शाह आलम


बीती रात सिद्धार्थ नगर जनपद के डुमरिया गंज क्षेत्र के बयारा में स्थित मदरसा साजिद तहफीजुल कुरआन में कुरआन पाक की तालीम हासिल करने वाले 38 हाफिजों की दस्तारबंदी की गई है। मजलिस का आगाज कारी फुजैल अहमद ने कुरआन पाक की तलावत के साथ किया । मजलिस के मुखातिब करते हुए मौलाना इरफान कासमी ने कहा है कि इंसानों के रहनुमाई के लिए कुरआन पाक का इल्म हासिल करना बेहद जरूरी है।

कुरआन समाज में भेदभाव को मिटा कर एक दूसरे के दुख सुख में साथ देने का हुक्म देता है। माँ बाप का हक भाई बहन का हक बीबी शौहर का हक पडोसी का हक वतन से मुहब्बत करना यह सब कुरआन पाक से ही हम सबको सीखने को मिल सकता है। दुनिया में अमन चैन कायम रखने के लिए कुरआन पाक में लिखी बातों पर अमल करना होगा।

कुरआन पाक सारे दुनिया के इंसानों को मुहब्बत का पैगाम देता है। इस पर अमल करके ही हम लोगों के साथ इंसाफ कर सकते हैं। जलसा ए दस्तारबंदी में बतौर मुख्य अतिथि डुमरिया गंज की विधायक सैय्यदा खातून ने हाफिजों को नजराना दे कर उनकी हौसला अफजाई किया है। इस मौके पर अतीकुर्रहमान, इरफान मलिक, मुफ्ती एहसानुल्लाह, मौलाना अजीमुल्लाह, अहमदुल्लाह, अतीउल्लाह, कारी नसीम, इरफान मलिक जहीर मलिक सहित हजारों लोग मौजूद रहे।

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