हाईटेक नहीं जनाब हाई फेंक शमशान घाट कहिए – संतोष त्रिपाठी
दुर्गेश मूर्तिकार
बांसी। अब जबकि नगर निकाय चुनाव का नगाडा बज चुका सीटें कन्फर्म हो गई अचानक नपा के जिम्मेदारों को नगर पालिका मे मुर्दा जलाने की हाईटेक शमशान घाट बनाने का धुन सवार हो गया | शास्त्री नगर और पशुपति नगर मे बनाए जा रहे शमशान घाट के बारे मे वहाँ लगे बोर्ड से जाहिर हो रहा है कि उसका उद्घाटन पूर्व कैबिनेट मंत्री राजा जय प्रताप सिंह ने किया था | ईओ अरविंद कुमार थे और ठीकेदार मोहम्मद हारुन थे/ एक बार फिर उसी स्थान पर शमशान घाट बन रहा है/स्थलीय निरीक्षण के दौरान बन रहे अन्त्य स्थल के निर्माण मे काफी खामी नजर आ रहा है । दोयम दर्जे का ईंट और सफेद बालू जिस पर पूरे बांसी नगर पालिका के सरकारी कामों को कराया गया है उसी सिस्टम से इसका भी निर्माण कराया जा रहा है। जबकि पहले के श्मशान घाट की दशा दयनीय है।उल्लेखनीय है कि पूर्व मे जिला स्तरीय जांच कमेटी द्वारा अपने जांच आख्या मे दर्शाया है कि बनाए गए शमशान भूमि की लागत अनुमान से अधिक दिखलाया गया है,जांच टीम द्वारा स्थलीय जांच मे कई त्रुटियां दिखलाई गई हैं! 42 -42 लाख से बन रहे तथाकथित हाई टेक श्मशान घाट को देखकर इसे हाई फेंक श्मशान घाट कहना उचित है। निर्माण कार्यों में बरती जा रही अनियमितता पर जब कार्यरत कर्मियों से ठीकेदार का परिचय पूंछा गया तो उनके पास कोई भी जानकारी नहीं मौजूद था। इस बारे में नामित सभासद संतोष त्रिपाठी ने कहा कि लगातार बांसी का शोषण करने वाले अब चुनाव के समय हाई टेक श्मशान भूमि बनवा रहे हैं।अब मरने के बाद भी नगर वासियों के साथ घोटाला करने से जिम्मेदार नहीं चूक रहे हैं!पार्कों में लगे झूले दूसरे दिन इनके घरों में पहुंच गया।जितने भी कार्यों का जांच किया गया सबको उपजिलाधिकारी महोदय ने रूकवा दिया।अशोक नगर में बन रहे पोखरे के निर्माण में जबरदस्त घोटाला किया गया। बना हुआ नाली और नाले टूट रहे हैं।माघ मेला के जमीनों की नीलामी अपने खालू खाला को दिया गया।और अब हाई टेक श्मशान बनवा कर पूरे नगर वासियों को वहां पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में बन रहें नालियों में घोटाला किया जा रहा है।