प्रधानी चुनाव के बाद ग्राम गजहड़ा में सड़कों का बिछा जाल मिलता है हर महीने राशन
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कुछ करने का जज्बा हो तो इंसान क्या नहीं कर सकता बस एक मौका चाहिए फिर चाहे मैदान जैसा भी हो ऐसे ही रिपोर्टिंग करते हुवे जनसंदेश की टीम शोहरतगढ़ विकास खंड अंतर्गत ग्राम गजहड़ा पहुंचा |
गजहड़ा गाँव बानगंगा नदी के छोर पर बसा लगभग मिली जुली आबादी वाला गाँव है गाँव की आबादी लगभग 2600 है गाँव में ऐसा कोई कुटीर उद्द्योग या साधन नहीं जिससे बेरोजगार युवकों को बाहर जाने से रोका जा सके गाँव को जोड़ने वाले रास्तों की हालत खराब थी स्वास्थ्य सेवा , बिजली, पानी , शिक्षा सभी का स्तर सही नहीं था पर अब हालात में काफी सुधार हुवा है |
गाँव से शहर कनेक्टिविटी के मामले में गोंडा गोरखपुर रेल लाइन पर एक हाल्ट स्टेशन महथा है जो गाँव के लोगों को मुम्बई , दिल्ली , बंगलौर और कलकत्ता जैसे बड़े महानगरों में पहुँच आसान बनाती है एन एच 730 मुख्य हाईवे मार्ग है जो गजहड़ा को महथा वाया लेदवा जोड़ता है जिससे होकर ग्राम वासी गोरखपुर और लखनऊ अपने काम काज के सिलसिले में आते जाते हैं |
तह्सील मुख्यालय से 6 किलोमीटर की दूरी पर बसा यह गाँव कृषि कार्यों के लिए मशहूर है | गाँव में धान , गेहूं , मक्का , आलू , लाही मटर सहित सब्जियों की भी खेती होती है आमदनी का जरिया सीधे तौर पर खेती ही है | पशुपालन से भी कई घरों का गुजर बसर होता है |
पहले इस गाँव में सरकारी सुविधा न के बराबर थी साफ़ सफाई का अभाव था दूषित पानी का सेवन के चलते सामान्य बीमारी और संक्रामक रोगों का खतरा बना रहता था | 2021 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रधानी पद में बदलाव आया और गाँव की बागडौर यार मोहम्मद खान के हाथों में आ गयी |
यार मोहम्मद खान एक संपन्न कृषक परिवार से हैं साधन संपन्न और मिजाज के धनी हैं पढ़े लिखे व्यक्ति है मानव अधिकारों और सामाजिक न्याय को परिभाषित करने वालों में से हैं गाँव के किसी भी मामले का हल दोनों पक्षों को बैठा कर आमने सामने हल करते हैं |
ग्रामवासियों का मुख्य पेशा कृषि है छोटी जोत वाले किसान या भूमिहीन किसानों के लिए नरेगा का सहारा है लेकिन जरूरतें जादा होने से पलायन भी महत्वपूर्ण है बजट के अनुरूप लोगों को नरेगा में काम मिल ही जाता है |
बहरहाल ग्राम प्रधान प्र यार मोहम्मद खान ने बताया कि पूर्व में शिक्षा व्यवस्था , साफ़ सफाई , नाली खडंजा ,सी सी रोड, लाइट , सोलर लाइट ,स्वास्थ्य आदि पर काम न के बराबर था पर आज ऐसा नहीं है गाँव के उत्तर से लेकर दक्षिण और पक्शिम तक शानदार सड़कों का जाल बिछा है साथ ही साथ नालियों का भी निर्माण हुवा है गाँव के पूर्व में पक्की सड़क बन रही है जो सीधे मड़वा चौराहे पर [ हाईवे रोड ] पर पांच मिनट में पहुंचा देगी |
इस्वर का दिया बहुत कुछ है बस मन में एक इच्छा थी कि प्रधान बनकर लोगों की अच्छे से सेवा कर सकूं आने वाले समय में हर घर शौचालय , आवास , रासन कार्ड , श्रम कार्ड , पेंसन ,आयुष्मान कार्ड आदि क्षेत्र में बहुत काम करने हैं,मैं शुक्रगुजार हूँ अपने ग्राम वासियों का जिन्होंने मुझे अपना अगुवा बनाया