सिद्धार्थ नगर – ग्रामीण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ग्राम प्रधान का जुनून: सरकारी स्कूल को मोंटेसरी जैसी सुविधा संपन्न बनाने के लिए लाखों रुपये खर्च

ग्रामीण शिक्षा को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के जुनून में डूबे एक ग्राम प्रधान ने अपने गांव के सरकारी स्कूल को मोंटेसरी जैसी सुविधाओं से संपन्न बनाने के लिए लाखों रुपये अपनी जेब से खर्च किए हैं। उनका यह प्रयास न केवल शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि ग्रामीण शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।

निर्माण कार्य के दौरान बबलू चौबे

nizam ansari 

ग्राम प्रधान प्रतिनिधि बबलू चौबे , जो कि सिद्धार्थ नगर के शोहरतगढ़ तहसील के एक छोटे से गांव कोटिया बाज़ार के निवासी हैं, ने अपने गांव के कम्पोजिट माध्यमिक स्कूल के जर्जर भवन को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने का बीड़ा उठाया है। बबलू चौबे पिछले पांच बार से प्रधानी की नाव खे रहे हैं ,बबलू पढ़े लिखे युवा है और शिक्षा के महत्व को बहुत अच्छी तरह से समझते हैं बबलू के परिवार में सभी लोग शिक्षित हैं और कई प्राइवेट और सरकारी नौकरियों में बड़े पदों पर आसीन हैं |

फाइल फोटो सिद्धार्थ नगर जनपद के पूर्व डी एम संजीव रंजन के साथ बबलू चौबे

स्कूल का कायाकल्प : बबलू चौबे ने सरकारी स्कूल को मोंटेसरी स्कूल जैसी सुविधाएं प्रदान करने के लिए लाखों रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने स्कूल में नई कक्षाओं का निर्माण, फर्नीचर की व्यवस्था, स्मार्ट क्लासरूम, पुस्तकालय, और कंप्यूटर लैब की स्थापना कर बच्चों को बेहतर शिक्षा देने को दृढ संकल्पित है। इसके अलावा, उन्होंने खेलकूद के लिए एक बड़ा खेल मैदान और बच्चों के खेलने के लिए विभिन्न झूले और अन्य खेल उपकरण भी लगवाने की सोच के साथ निर्माण कार्य को तेजी से आगे ले जा  रहे हैं।

शानदार कक्षा और उसमें लगे टाइल्स और पेंट ऐसे लगे हैं जो मध्यम बर्ग के घरों में लगाये जाते हैं विद्यालय में शौचालय ऐसे बनाये गए हैं जो अच्छे घरों में ही देखे जाते हैं | बच्चों को पीने के लिए पानी की भी शानदार व्यवस्था है तीन सौ फीट गहरे बोर वेल से शुद्ध पानी उपलब्धत करवाया गया है |

मरम्मत के दौरान नयी छत को दिखाते बबलू चौबे

बबलू चौबे का कहना है, “गांव के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलना उनका अधिकार है। हमारे बच्चों को भी वही सुविधाएं मिलनी चाहिए जो शहर के बच्चों को मिलती हैं। मेरा सपना है कि हमारे गांव के बच्चे भी आधुनिक शिक्षा प्राप्त करें और भविष्य में उच्च पदों पर पहुंचें।” शिक्षा के प्रति समर्पण भाव के कारण उन्होंने जनपद में अच्छे प्रधान के लिए 35 लाख रुपये सरकार से मिले थे जिसमें से वह लाखों खर्च कर लगातार अपने मकसद को पाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं |

पानी के शुद्धता दिखाता मजदूर

शिक्षक और छात्रों की प्रतिक्रिया स्कूल के प्रधानाध्यापक ने ग्राम प्रधान के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा, ” बबलू चौबे  जी के प्रयासों से हमारे स्कूल का माहौल पूरी तरह बदल गया है। बच्चों में पढ़ाई के प्रति उत्साह बढ़ा है और उनकी उपस्थिति में भी सुधार हुआ है।”

कक्षा में पढ़ते छात्र प्रधानाध्यापक के साथ बबलू चौबे

एक छात्रा, राधा कुमारी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, “हमें अब स्मार्ट क्लासरूम में पढ़ाई करने का मौका बहुत जल्दी मिलने वाला है , हम सब बहुत उत्साहित हैं | हमें कंप्यूटर चलाना सिखाया जायेगा और हम नई-नई चीजें सीख रहे हैं। हमें अपने ग्राम प्रधान अंकल पर गर्व है।”

रिपोर्टिंग के दौरान अपने पाठ को पढता कक्षा सात का छात्र मोनू

ग्रामीण समुदाय की प्रतिक्रिया गांव के लोगों ने बबलू चौबे के इस प्रयास की जमकर सराहना की है। स्थानीय निवासी फ़िरोज़ आलम ने कहा, “हमारे प्रधान जी ने हमारे गांव का नाम रोशन किया है। उनके प्रयासों से हमारे बच्चों का भविष्य उज्जवल होगा। हम सभी उनके आभारी हैं।”

बताते चलें कि ग्राम प्रधान बबलू चौबे का यह प्रयास साबित करता है कि अगर इच्छाशक्ति और समर्पण हो तो कोई भी चुनौती असंभव नहीं है। उनके द्वारा अपने गांव के स्कूल को मोंटेसरी जैसी सुविधा संपन्न बनाने का पहल करना अपने निजी रुपये खर्च करना एक अद्वितीय और प्रेरणादायक कदम है, जो अन्य ग्राम प्रधानों और स्थानीय नेताओं के लिए एक मिसाल है। उनके इस जुनून और समर्पण से सिद्धार्थ नगर के कोटिया बाज़ार के बच्चों का भविष्य उज्जवल और समृद्ध बनेगा।

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