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सुनील कुमार श्रीवास्तव इटवा
सिद्धार्थ नगर, पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में मां दुर्गा के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में भारत-नेपाल के बीच भले ही कुछ दिनों से तल्खियां चल रही हों लेकिन दोनों देशों के बीच कई समानताएं हैं।
इसका सबूत केवल पौराणिक ग्रंथ ही नहीं देते बल्कि नेपाल में मौजूद मंदिर भी इसकी जानकारी देते हैं। नेपाल में मां दुर्गा के मंदिरों के साथ-साथ शक्तिपीठ भी मौजूद हैं। नवरात्र के दिनों में हम आपको नेपाल के ऐसे ही कुछ मंदिर के बारे में बताएंगे, जिनको जानकर आपको पता चलेगा कि दोनो देशों के बीच बेटी. रोटी का नाता चला रहा है।
आइए जानते हैं नेपाल के प्रसिद्ध मां दुर्गा के मंदिरों के बारे में मनकामना देवी मंदिर नेपाल की राजधानी काठमांडू से 105 किमी दूर मनकामना देवी का मंदिर स्थित है। जैसा की नाम से स्पष्ट है कि यहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस देवीस्थान को नेपाल के भक्त शक्तिपीठ की तरह ही मानते हैं।
मंदिर के पीछे एक रोचक कथा है। कथा के अनुसार, एकबार किसान ने गलती से एक पत्थर को चोट मार दी थी। उस पत्थर से अचानक रक्त और दूध एक साथ निकलने लगे। इस बात को किसान ने गांववालो को बताया। गावंवालों ने जब यह देखा तो देवी मां का अवतार मानकर पूजा करने लगे और एक विशाल मंदिर का निर्माण कराया।
आपको बता दें कि 51 शक्तिपीठों में से एक गुह्येश्वरी शक्तिपीठ भी नेपाल में मौजूद है। मां का यह मंदिर पशुपतिनाथ मंदिर से कुछ ही दूरी पर बागमती नदी के किनारे स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 17वीं सदी में राजा प्रताप मल्ला ने करवाया था।
हर साल नवरात्र के दौरान मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें भारत से भी लोग मंदिर के दर्शन करने जाते हैं। क्या आप जानते हैं शक्तिपीठ कांगड़ा देवी के बारे में ये बातें दंतकाली मंदिर दंतकाली मंदिर भी नेपाल के प्रसिद्ध मां दुर्गा के मंदिरों में से एक है।
साथ ही यह 51 शक्तिपीठ में से एक माना जाता है। मान्यता है कि देवी सती के मृत शरीर को जब भगवान शिव ले जा रहे थे तब भगवान विष्णु ने माता सती के मृत शरीर को सुदर्शन से कई हिस्सों में काट दिया था। यहां माता सती का दांत गिरे था, जिस वजह से इसका नाम दंतकाली पड़ा।
मां का यह मंदिर नेपाल के बिजयापुर गाँव में स्थित है। कोरोना काल से पहले इस मंदिर नवरात्र के दौरान काफी भी भीड़ लगती थी। क्या आपके घर में है जंयती, जाने कैसा बीतेगा आने वाला साल दक्षिणकाली मंदिर नेपाल में दक्षिणकाली मंदिर भी है, जो माता काली को
समर्पित है।
यह मंदिर काठमांडू से 14 मील की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर को निर्माण को लेकर एक कथा है। कथा के अनुसार वहां के राजा के सपने में मां काली ने मंदिर के निर्माण के लिए कहा था।
तब राजा ने मंदिर का निर्माण करवाया। यहां जो भी मां का भक्त आता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। यह है पाकिस्तान की वैष्णो देवी, ऐसी है यहां की गुफ्फ बज्रयोगिनी मंदिर मां भगवती का यह मंदिर काठमांडू के पास बहने वाली साली नदी के किनारे सांखू में स्थित है। यहां देवी मां की प्रतिमा को कई आभूषणों से सजाया जाता है।
इस मंदिर हिंदू और बौद्ध दोनों धर्मों के लोग आते हैं और मां से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस मंदिर में शांति प्राप्त होती है और प्रकृति का अनोखा संगम देखने को मिलता है।
नैना देवी मंदिर के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं यह चीज मौला कालिका मंदिर नेपाल में मौला कालिका मंदिर काफी प्रसिद्ध है। यह मंदिर मां काली को समर्पित है और इस मंदिर में मां के दर्शन के लिए 1883 सीढयां चढ़नी पढ़ती हैं।
यह मंदिर नेपाल के नवलपरासी जिले में स्थित है। 16वीं शताब्दी में पाल्पा राजा ने मंदिर का निर्माण करवाया था। काली देवी के इस मंदिर में पशु बलि पर हाल ही में प्रतिबंध लगा दिया था। भारत से भी हर साल कई भक्त मां के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।
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