खुनुवा चौकी अंतर्गत नियमों और कानूनों के विपरीत हो रही अवैध प्लॉटिंग न केवल प्रशासनिक ढांचे की अनदेखी है, बल्कि जनता के साथ एक गंभीर धोखा भी है। बिना उचित अनुमति और नियमन के किए जा रहे इन प्लॉटों की बिक्री से न केवल सरकारी नियमों का उल्लंघन हो रहा है, बल्कि इससे खरीदारों के हितों को भी नुकसान पहुँच रहा है।
इस तरह की अवैध गतिविधियों में निवेश करने वाले लोगों को भविष्य में कानूनी और वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। प्रशासन को चाहिए कि इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई करे ताकि जनता का विश्वास बना रहे और अवैध प्लॉटिंग जैसी धोखाधड़ी से बचा जा सके।
जानकारों के अनुसार कृषि भूमि पर हो रही कमर्शियल प्लॉटिंग एक गंभीर समस्या है, जो न केवल कृषि क्षेत्र को नुकसान पहुँचा रही है, बल्कि भूमि उपयोग से जुड़े नियमों का भी उल्लंघन कर रही है। कृषि भूमि पर कमर्शियल प्लॉटिंग से खाद्य सुरक्षा पर खतरा मंडराने लगता है, क्योंकि इससे फसलों की उपज कम होती है और कृषि भूमि धीरे-धीरे कम होती जा रही है।
इसके अलावा, ऐसे प्लॉटों में निवेश करने वाले लोगों को भी कानूनी दिक्कतें हो सकती हैं, क्योंकि भूमि का गलत उपयोग नियमों के खिलाफ है।
प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों का यह दायित्व है कि वे कृषि भूमि का संरक्षण करें और इस तरह की अवैध प्लॉटिंग को रोकें। साथ ही, लोगों को भी जागरूक होना चाहिए कि वे किसी भी प्लॉट में निवेश करने से पहले उसकी कानूनी स्थिति और भूमि के वास्तविक उपयोग की जांच अवश्य करें, ताकि भविष्य में किसी धोखाधड़ी का शिकार न बनें।
बताते चलें कि खुनुवा चौकी अंतर्गत हो रहे प्लाटिंग कुछ वैध तो कुछ अवैध है लोगों के पास लाइसेंस भी नहीं नियम कानून की अवहेलना अलग विषय हो सकता है लेकिन भविष्य में खरीदारों को आने वाली अड़चन और कठिनैय्याँ खरीदार झेल नहीं पाएंगे | अंत में होगा यही कि जितने की मुर्गी नहीं उससे ज्यादा मसाला लगना तय है |
ऐसी स्थित में खरीदारों को भी अतिरिक्त सावधानियां बरतनी चाहिए उन्हें प्लॉटर से प्लाट खरीदते समय जिले से परमीसन और जमीन के रजिस्टर्ड कागजात को भी देखना चाहिए इसके अतिरिक्त लोगों से राय मशवरा भी करना खरीदारों के हित में होगा |