अवैध खनन पर शासन सख्त, फिर भी नहीं थम रहा है खनन का धंधा – आखिर खनन माफियाओं के गले पर किस तरह पड़ेगा कानून का फंदा

गुरु जी की कलम से

ढेबरुआ थाना क्षेत्र में अवैध खनन को लेकर प्रशासन की सख्ती के बावजूद खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। गुरुवार को एसडीएम शोहरतगढ़ राहुल सिंह के निरीक्षण के दौरान ढेबरुआ थाने के सामने से गुजर रही मिट्टी लदे ट्रैक्टर ट्रॉली को रुकवाने की कोशिश में सुरक्षा गार्ड के चोटिल होने, एवं एसडीएम की गाड़ी को तेजरफ्तार ट्रैक्टर ट्राली से रौंदने के प्रयास, जानलेवा हमला, सरकारी काम में बंधा डालने जैसे घोर कृत्य करने के दुस्साहस में छह लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया, लेकिन उसके बावजूद शुक्रवार को भी ढेबरुआ थाना क्षेत्र में ट्रैक्टर ट्रॉली एवं डंपर से मिट्टी खनन करते , साईट पर गिराते हुए देखा गया।

इतनी बड़ी घटना के बावजूद लगता है की खनन माफियाओं को पुलिसकर्मी और प्रशासन का डर नहीं है क्या कुछ पुलिस और कुछ प्रशासनिक की मिलीभगत से उनका मनोबल बढ़ा हुआ है स्थानीय लोगों का कहना है कि दिन-रात अवैध खनन हो रहा है, लेकिन कभी कभार ही कार्रवाई किया जाता है।

*वन विभाग और सरकारी जमीन से हो रहा है अवैध खनन*

गजेहड़ी गांव के पास, डढवुल गांव गुलरी और टीशम गांव के आगे, चंरनगहवा नदी और घोरही नदी के तट पर वन विभाग की जमीन और सरकारी भूमि से मिट्टी खनन किया गया है। खनन माफिया धड़ल्ले से ट्रैक्टर ट्रॉली एवं डंपर में भरकर मिट्टी उठा ले गए, लेकिन पुलिस प्रशासन को भनक तक नहीं लगी।

गांव में रहने वाला चौकीदार और उस क्षेत्र के सिपाही को अगर खनन की जानकारी होती तो बालू और मिट्टी समेत ट्राली पकड़ी ही जाती इस बात से तो यही प्रतीत होता है कि या तो वे लोग अपना काम नहीं ठीक से कर रहे हैं या जानबूझकर आंख मूंद रहे हैं वास्तविकता तो जांच के बाद ही पता चलेगा।

क्षेत्र में बालू और मिट्टी के अवैध खनन को रोकने के लिए वन विभाग, तहसील प्रशासन, थाना चौकी की पुलिस और 112 नंबर की टीम लगातार क्षेत्रों का दौरा करती है, लेकिन अवैध खनन करते हुए माफिया कभी-कभार ही पकड़े जाते हैं। यह लोग
पकड़े जाने के बाद जुर्माना भरकर ट्रैक्टर-ट्रॉली और चालक छुड़ा लेते हैं।

कभी खनन माफियाओं पर कठोर कार्यवाही नहीं की गई जिससे उनके मन में भय और दहशत व्याप्त हो। स्थानीय लोगों का तो यह भी कहना है कि जब भी खनन विभाग, तहसील प्रशासन या अन्य अधिकारियों द्वारा औचक निरीक्षण किया जाता है, तो उसकी जानकारी खनन माफियाओं को पहले ही मिल जाती है।

अधिकारियों द्वारा खनन स्थल के निरीक्षण से पहले ही माफिया खनन स्थल से मय। लाव लसकर के गायब हो जाते हैं, जिससे साहब को खाली हाथ ही लौटना पड़ता है। साहब अमुक स्थल पर छापा मारेंगे आखिर यह सूचना खनन माफिया को लीक कैसे होती हैं एक खनन माफिया ने बताया कि हम लोगों ने कुछ साहब के पास ही जयचंदो एवं उनके आस्तीन के सांपों को पाल रखा है जो ‌ हमें साहब के बारे मे खबर देते रहते है।

ढेबरुआ थाना क्षेत्र में लगातार अवैध खनन जारी रहना इस बात का संकेत है कि या तो पुलिस प्रशासन अपनी जिम्मेदारी सही से नहीं निभा रहा है या फिर खनन माफियाओं के साथ उसकी मिलीभगत है। यदि प्रशासन ने जल्द ही ठोस कार्रवाई नहीं की, तो यह गोरखधंधा और तेज हो सकता है।

अब देखना यह होगा कि अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए पुलिस और प्रशासन के लोग कौनसा कदम उठाते हैं।

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