सिद्धार्थ नगर – बूढ़ी राप्ती नदी के कटान से बालानगर गांव को नदी में विलीन होने से बचाने के लिए विधायक ने किया दौरा , क्या है प्लान
एस खान
तुलसियापुर: शोहरतगढ़ विधायक विनय वर्मा ने बढ़नी ब्लाक के बाढ़ प्रभावित ग्राम पंचायत तौलिहवा टोला बाला नगर का निरीक्षण किया जो बूढ़ी राप्ती नदी की कटान करते हुए गांव की तरफ जोरों से बढ़ रही है नदी ने गांव को जोड़ने वाली पक्की सड़क को निगल लिया है और अब गांव के घरों का नंबर है जिससे करीब 80 घर नदी में गिरने की कगार पर है।
शोहरतगढ़ विधायक विनय वर्मा ने सोमवार को अपने दौरे में सभी ग्राम वासियों को आश्वासन दिया कि हम तौलिहवा ग्राम पंचायत के बालानगर गांव को हम बांधा बनवा कर और बोल्डर पीचिंग कराकर गांव को नदी में गिरने से बचा लेंगे सभी ग्राम वासियों को विधायक ने पूर्ण विश्वास दिलाया है कि बाढ़ से हम गांव को बांध बना कर व बोल्डर पिचिंग बनाकर बचाने की पूरी कोशिश करेंगे ।
बताते चलें कि पिछले हफ्ते हुई लगातार बारिश से नदियों का जलस्तर खतरनाक रूप से क्षमता से अधिक हो जाने के कारण नदियों में जलस्तर का दबाव बढ़ने से कई स्थानों पर कटान चालू हो गया था जिसमें प्रमुख रूप से बाला नगर गांव के अस्तित्व पर संकट खड़ा हो गया है जिसे बचाने की जिम्मेदारी अब विनय वर्मा ले चुके हैं ।ग्रामीण रात दिन गांव की रखवाली में जुटे हुवे हैं ।
क्या बोल्डर पिचिंग ही एक मात्र उपाय है ?
रिपोर्टर ने विधायक विनय वर्मा से जानना चाहा कि क्या नदी की धारा को सीधा करके बलानागर गांव के अस्तित्व को बचाया जा सकता है क्या और कोई विकल्प नहीं इस पर विधायक ने कहा बाला नगर गांव के अस्तित्व को बचाने के लिए सबसे पहले वहां के ज्योग्राफिकल स्टेट को समझना पड़ेगा नदी प्राकृतिक रूप से अपना रास्ता बनाती चली जाती है जो भुताहवा मोड़ से शीतल खैरी जाने वाले मोड़ से मटियार ,भैंसाही , झूँगाहवा , बालानागर सहित आधा दर्जन गांव से सटकर बहती है यह नदी मटियार और बाला नगर के बीच यू u आकार में मुड़ी हुई है जिसका कोई मतलब नही निकलता है मैं जल्द ही टेक्निकल टीम से मिलकर नदी की धारा को मटियार से बाला नगर से दूर जोड़ने के विकल्प को लेकर इंजिनीरिंयों की टीम के साथ मीटिंग करूंगा इससे पूर्व में भी बाणगंगा नदी की धारा को सीधा करके बाढ़ की आशंका से दर्जन भर गांव सुरक्षित बनाये गए हैं ।
यदि ऐसा हो जाता है तो न सिर्फ बालानागर का अस्तित्व बचाने में सफल होंगे बल्कि हजारों एकड़ कृषि भूमि को भी बचाने में सफल होंगे जिन किसानों की जमीन को नदी ने निगल लिया है हम फिर से उसको पाने में सफल होंगे।