कंपनी की आड़ में फर्जी रशीद देकर ठगी करने वाले लोगों के खिलाफ एसपी को शिकायती पत्र भेजकर कार्यवाही की मांग ठगी का शिकार हुआ पीड़ित न्याय के लिए चौकी और थाने का लगा रहा चक्कर
nizam ansari
ढेबरुआ थाना क्षेत्र के मधवानगर निवासी अर्जुन यादव ने एक कंपनी के नाम पर उसकी आड़ में फर्जी रशीदे देकर अवैध वसूली करने व ठगी करने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ नगर को लिखित शिकायती पत्र भेजकर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई कर रुपया वापस दिलाये जाने की मांग की है।
शिकायतकर्ता अर्जुन यादव ने पुलिस अधीक्षक को भेजे शिकायती पत्र में लिखा है कि प्रार्थी के द्वारा मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर पूर्व में की गई शिकायत संख्या -40018422017610 के संदर्भ में स्थानीय पुलिस ने जांच आख्या में बताया है कि कंपनी के चेयरमैन डीबी सिंह के द्वारा प्रार्थी का जमा छः किस्त का धनराशि 3600 रुपये का चेक खाते में लगा दिया गया है।
जबकि शिकायतकर्ता के मुताबिक़ पूरा मामला रु 10800 का है , शेष बचा रुपया 7200 ये लोग हड़पना चाहते हैं। प्रार्थी के पास उक्त कंपनी के चेयरमैन डीबी सिंह व विजय कुमार के द्वारा दिया गया कंपनी का 12किस्त का जमा रशीद मौजूद है। उक्त कंपनी के विजय कुमार को प्रार्थी ने 2रशीद का नगदी 1200रुपये व उनके खाते में आनलाईन 2400रुपये जमा किया है जिसका जांच रिपोर्ट में कोई जिक्र नहीं है।
पता चला है कि इस संबंध मे जांच अधिकारी द्वारा अभी तक कंपनी के विजय कुमार से कोई पूछताछ नही की गई है। कहा जाता है कि यदि उक्त के संबंध में विजय कुमार से पूछताछ किया जाय तो सारा फर्जीवाड़ा खुलकर सामने आ जायेगा।
पता चला है कि कंपनी के चैयरमैन डीबी सिंह शिकायतकर्ता को एजेंट बताकर मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं। जबकि शिकायतकर्ता का दावे के साथ कहना है कि वह कभी कंपनी के किसी भी ब्रांच शाखा में रुपया जमा करने नही गया है। शिकायतकर्ता ने कहा कि मेरे दुकान से उक्त लोगों के द्वारा पैन कार्ड, आधार कार्ड, फोटो व मोबाइल नंबर आदि कागजात लेने के साथ ही हर बार रुपया ले जाने के बाद कंपनी का जमा रशीद लाकर दुकान पर दे जाते थे।
जब भुगतान करने की बात आई तो कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर डीबी सिंह का कहना है कि आपका 6 रशीद फर्जी है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि सभी रशीदे इन्हीं लोगों के द्वारा मेरे दुकान पर लाकर दी गई हैं तो फर्जी कैसे हो गई । पता चला है कि कंपनी की आड़ में ठगी करने वाले लोग ब्रांच बंद कर रफूचक्कर हो गए हैं और पीड़ित न्याय पाने के लिए चौकी और थाने का चक्कर लगा रहा है।