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अब निर्णायक संघर्ष के लिए तैयार हो जाएँ मदरसा आधुनिक शिक्षक – अख्तर कमाल
शोहरतगढ़ ब्यूरो
केंद्र सरकार बजट 2023-24 में भारी कटौती से मदरसों में कार्यरत आधुनिक विषय अध्यापकों निराश हैं।जहाँ पिछले 60 माह का मानदेय न मिलने से आधुनिक विषय अध्यापक भारी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं वहीं वर्तमान सत्र के मानदेय के लिए बजट में भारी कटौती करना निराश करने वाला है।
उक्त बातें आल इंडिया माडर्न टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश सचिव अख्तर कमाल मेकरानी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रेसवार्ता के दौरान कहीं।उन्होंने कहा कि सरकार जहाँ एक तरफ मदरसों को आधुनिक बनाने की बात कर रही है वहीँ मदरसा आधुनिक शिक्षकों को पहले ही 60 माह से मानदेय नहीं दिया और अब इतना कम बजट दिया जिससे आधुनिक शिक्षकों का भविष्य आधर में लटका हुआ है।
उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यक मंत्रालय का वर्ष 2022-23 का बजट 5030 करोड़ था जिसमें से 160 करोड़ रुपए मदरसा माडर्न योजना में दिया गया था।जबकि इस बार बजट 2023-24 के बजट में 40 प्रतिशत कम करते हुए अल्पसंख्यक मंत्रालय को मात्र 3097.60 करोड़ दिया गया है जिसमें से मदरसा माडर्न योजना में मात्र 10 करोड़ ही दिया गया है।उन्होंने कहा कि यह बजट मदरसा माडर्न योजना में कार्यरत 16 राज्यों के सभी शिक्षकों का तीन से चार दिनों का ही मानदेय मिल पायेगा।
ऐसे में मदरसा माडर्न शिक्षकों की अनदेखी करना साबित हो रहा है।यह बजट सरकार की कथनी और करनी को स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।इस बजट से निराश मदरसा माडर्न शिक्षकों में भारी आक्रोश व्याप्त है।अन्त में ऊन्होने ने सभी मदरसा माडर्न शिक्षकों का आह्वान करते हुए निर्णायक संघर्ष के लिए तत्पर रहने की बात कहीं।
फोटो – आल इंडिया माडर्न टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश सचिव अख्तर कमाल मेकरानी
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