विश्व गौरैया दिवस – 16 वर्षों से गौरैया संरक्षण में लगे कंचन वर्मा ने कहा इनकी चहक सुनकर होती है सुबह

इंद्रेश तिवारी

एंकर- गौरैया आज विलुप्ति की कगार पर है और चिड़िया के प्रजाति को संरक्षित करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को गौरैया दिवस मनाया जाता है जिससे लोगो मे जागरूकता बढे ।

जनपद सिद्धार्थनगर के कपिलवस्तु नगर पंचायत अंतर्गत सूर्यकुड़िया के निवासी कंचन वर्मा ने इस प्रजाति को बचाने के लिए अपने घर को ही गौरैया का घोसला बना रखा है । यहाँ तक कि इन्होंने अपने घर मे इन गौरियो के वजह से किसी कमरे में पंखे नही लगवाए है ।

कंचन वर्मा ने बताया कि सुबह की शुरुवात इन्ही की चहचाहट से शुरू होती है इसके संरक्षण के बारे में पूछने पर बताया कि हम सभी का बचपन इन सभी छोटी प्रजाति की चिड़ियों के साथ कही न कही बिता जो अक्सर घर के छतों या बाहर आकर झुंड के रूप में बैठ जाती थी लेकिन आज ये विलुप्ति की कगार पर है हम सभी को इनको विलुप्त होने से बचना चाहिए ।

कंचन वर्मा के कालोनी के निवासियों ने धीरे धीरे उनके इस कार्य मे हाथ बताना शुरू कर दिया है ।

वर्तमान समय मे कंचन वर्मा ने अपने पूरे घर मे गौरैया के कुल 100 घोसले बनवाये है जिसमे गौरैया के जोड़ो के साथ उनके बच्चे भी है और भविष्य में इसे ये व्यापक पैमाने पर करना चाह रहे जिससे इस प्रजाति को बचाया जा सके ।

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