📅 Published on: March 28, 2023
कपिलवस्तुपोस्ट रिपोर्टर
सिद्धार्थनगर। पति के हत्यारे पत्नी अन्ना देवी व दो पुत्रों विजय बहादुर एवं दिनेश को अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय हिमांशु दयाल श्रीवास्तव ने आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए सत्तर-सत्तर हजार रुपयों के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
कोतवाली जोगिया थानाक्षेत्र के ग्राम महुआ निवासिनी सिब्बलाल की पत्नी गेना देवी ने थाने पर लिखित तहरीर देते हुए बताया कि 19/20 अगस्त 2010 की रात करीब 12 बजे कई वर्षों से अलग रह रही उसकी सौतन अन्ना देवी अपने पुत्रों विजय बहादुर जो भुजाली लिए था एवं दिनेश कुल्हाड़ी लिए था के साथ आई और जमीनी रंजिश में मेरे साथ सो रहे पति के सिर पर लगातार वार किये।
अन्ना देवी ललकार रही थी कि इसको जान से मार डालो। मेरे चिल्लाने पर उनलोगों ने मुझे भी मारकर घायल कर दिया। उन लोगों के मारने से पति सिब्बलाल की मौत हो गयी है तथा मुझको भी प्राणघातक चोटें आई हैं। घटना को मेरे लड़के सुदामा, लड़की रूपरेखा व अगल-बगल के तमाम लोगों ने देखा।
मेरे पति ने जेठ के मरने के बाद जेठानी को बतौर पत्नी रख लिया था। पुलिस ने हत्या के प्रयास एवं हत्या का मुकदमा दर्ज कर विवेचना करके न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया जिसका न्यायालय ने संज्ञान लेकर विचारण शुरू किया। विचारण के दौरान प्रस्तुत साक्ष्यों, पोस्टमार्टम रिपोर्ट एवं मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए तीनों अभियुक्तों को घटना का दोषी करार दिया।
न्यायालय ने सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए तीनों अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए प्रत्येक को 70-70 हजार रुपयों के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया। राज्य सरकार की तरफ से पीड़ित पक्ष की पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश कुमार त्रिपाठी ने किया। पीड़ित पक्ष ने अपने तरफ से मुक्तिनाथ यादव को अपना अधिवक्ता नियुक्त किया था जिन्होंने ने भी पैरवी किया।