📅 Published on: April 14, 2023
Nizam Ansari
शोहरतगढ़ क़स्बा अंतर्गत चौधरी मैरिज हाल में बाबा साहब भीम राव आम्बेडकर की 132 वीं जयंती मनायी गयी इस दौरान कसबे के गणमान्य व्यक्तियों की साथ ही बहुजनसमाज पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित रहे आज पूरे जनपद में आंबेडकर जयंती की धूम रही आंबेडकर के विचारों को भारत के आम जनमानस में उनकी नीतियों को लेकर सभी एक जुट दिखाई दिए | 
इस दौरान जनता को सम्बोधित करते हुवे नेता और प्रतिनिधियों ने बाबा साहब आंबेडकर के जीवन पर प्रकाश डाला | इसी क्रम में नेता समाज सेवी और नगर पंचायत शोहरतगढ़ के अध्यक्ष प्रत्याशी नवाब खान ने बाबा साहब के जीवन पर प्रकाश डालते हुवे कहा कि बाबा साहब भीम राव अंबेडकर भारतीय संविधान के निर्माताओं में से एक थे। वे संविधान समिति के चेयरमैन थे और भारतीय संविधान के निर्माण में अहम भूमिका निभाई। अंबेडकर ने संविधान के अनुच्छेद 1 के माध्यम से भारत को “एक संघीय, सामाजिक, संस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से एकता प्रदान करने” की अवधारणा दी थी।
भारतीय संविधान में भीम राव अंबेडकर की भूमिका विशेष रूप से उनकी आवश्यकता थी जो उन्होंने भारतीय समाज की दोहरी दलित तथा आदिवासी जनजातियों के लिए संविधान में उनके अधिकार वाकई सुरक्षित करने के लिए लगाये गए हैं। इसके अलावा, उन्होंने संविधान में धर्मनिरपेक्षता, स्वतंत्रता, समानता और न्याय के मूल्यों को भी सम्मिलित किया।
भारतीय संविधान को न्यायपूर्ण, समान और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बनाने में भीम राव अंबेडकर की भूमिका अविराम रही है।
धार्मिक वा सामाजिक एकता समरसता पर भीम राव अंबेडकर के विचार को हरिराम भारती ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, भीम राव अंबेडकर ने धार्मिक और सामाजिक एकता की महत्ता को समझते हुए उन दोनों के लिए संघर्ष किया। उन्होंने धर्म को एक अनुचित ज़रिया माना था जो समाज को बाँटने के लिए उत्प्रेरित करता है। वे धर्मनिरपेक्षता के महत्व को समझते थे और इसे संविधान के मूल तत्त्वों में सम्मिलित करने का समर्थन करते थे।
भीम राव अंबेडकर ने सामाजिक एकता और समरसता को बढ़ावा देने के लिए अपनी ज़िम्मेदारी उठाई। उन्होंने दलितों और आदिवासियों के लिए संविधान में अधिकार वाकई सुरक्षित किए हैं, जो उन्हें समाज के मुख्य धार्मिक और सामाजिक संरचनाओं से अलग करते हैं। उन्होंने समाज में समानता को बढ़ावा देने के लिए अपने समय में बहुत से समाजिक सुधारों की मांग की, जिसमें दलितों और आदिवासियों को उनके मौजूदा स्थान से ऊपर उठाने के लिए समाज में उनके साथ समान व्यवहार करने की मांग शामिल थी।
इस दौरान मुख्या अतिथि मुनिराम राजभर , मंडल जाने इंचार्ज बस्ती हरिराम भारती ,हीरालाल , आंधी प्रसाद , डॉओम प्रकाश , सुधीराम , वंशराज , विधानसभा अध्यक्ष राम पाल , विशिष्ट अतिथि अमज़द अली , आंधी प्रसाद गौतम , अरविन्द कन्नौजिया , मो सलीम , मो सोएब ,मो जफ़र , नवाब खान ,वाली खान , मो सलमान अकबर अली मेराज इदरीशी आदि प्रमुखरूप से शामिल रहे |