कब बुझेगी ये साजिश की आग पिछले चार दिनों से काले धुवों और राख से पूरा क़स्बा परेशान

विनय त्रिपाठी

जून माह के प्रथम सप्ताह से प्रचण्ड गर्मी बढती जा रा ही है तापमान 43 डिग्री सेल्सिउस के उचतम शिखर पर चल रहा है आसमान से सूरज आग उगल रहा है सडकें सूनी  हैं हर तरफ पानी के देवता की पुकार के बीच शोहरतगढ़ कसबे के पक्शिम ताल में चार दिन पूर्व से रह रह कर आग लग जाने के कारण कसबे के उपर काले धुओं के साथ उडती राख ने पूरे कसबे को परेशांन कर रखा है |

चाहे घर हो या या दूकान सब कुछ काला काला ही काला होता चला जा रहा है दूकानदार समोसा बनाये तो काला चाय बनाये तो काला दूध गर्म करे तो काला गोरा आदमी बाहर निकल जाये तो काला सब काला ही काला हो रहा है |

आग न बुझाई जाये तो कसबे में आग लगने का खतरा भी बढ़ता जा रहा है विगत तीन दिनों से लगातार आग पर काबू पाने का प्रयास जारी है इधर आग बुझा कर आते है दुसरे दिन फिर आग लग जाता है क्या ये किसी साजिश की आग है जो रह रह कर भड़क जाती है |

इस आग को लेकर पूरे नगर में चर्चा बनी हुई है कुछ लोगों का कहना है कि यह राजनितिक आग है जिसमें रवि अग्रवाल को जलाने की कोशिश है कुछ लोगों का कहना है कि इस आग से उनके विपक्षी उनका रास्ता रोकने की कोशिश में लगे हुवे हैं |

बहरहाल इस आग को लेकर बहुत सारे लोगों का अलग अलग नजरिया है कपिलवस्तु पोस्ट की टीम ने इस आग को लेकर जो जानकारी जुटाई है उसमें भी बड़ा विरोध देखने को मिला है |

आग लगने का पहला कारण तहसील के सामने उस बड़े से सूखे तालाब में कई स्थानों पर मिटटी खुदाई का काम हो रहा है और वहां काम करने वाले भारतीय परम्परा के अनुसार पान बीडी सिगरट के आदि होंगे उन्ही की बीडी और सिगरेट इसका कारण हैं हो भी सकता है एक हद तक |

प्लॉटर भी हैं जिम्मेदार जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि जमीन या प्लाट को नापने के लिए स्थित सुगम करने साफ़ सुथरा दिखने के लिए भी आग लगाया जा सकता है लेकिन यह भी कोई उचित कारण नहीं लगता |

दूसरा बड़ा कारण जो जांच में मिला है वह यह कि तालाब सूखने के कारण छोटे बड़े कछुवे अपने आपको मिटटी के अन्दर छुप जाते है इनके मांस के शौक़ीन खर पतवारों में आग लगा देते है जिससे जमीन गर्म होने लगती है और कछुवे बाहर निकलने लगते हैं |

पर यह भी लोगों की समझ से परे है वह यह कि इससे पहले कछुवों का शिकार इससे पहले किसी ने नहीं किया तो क्या रवि उमा अग्रवाल के चेयरमैन बनते ही कछुवों का उत्पादन बढ़ गया और खास इसी क्षेत्र में |

बहरहाल इन जानकारियों से पत्रकार खुद सन्तुष्ट नहीं हुवा तो आम जनता कैसे सन्तुष्ट हो सकती है जो आग लगी है उससे व्यापार और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है | जो प्रयास रवि अग्रवाल एंड टीम के द्वारा की जा रही है पूरे नगर में प्रशंसा बटोर रही है |

 

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