चर्चा में – जानें जीजा और साले ने एक साथ नसबंदी क्यों कराई

परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए जीजा और साले दोनों ने एक साथ कराई नसबंदी , पुरुष नसबंदी से परिवार नियोजन कार्यक्रम को मिलेगी मजबूती , शोहरतगढ़ में दो पुरुष और 28 महिलाओं ने कराया नसबंदी – डॉ पी के वर्मा

जे पी गुप्ता

सिद्धार्थनगर। 

स्वास्थ्य विभाग परिवार नियोजन में पुरुषों की हिस्सेदारी के लिए लगातार जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है। शोहरतगढ़ ब्लॉक क्षेत्र की आशा बहू व पल्टा देवी उपकेंद्र की एएनएम गीता गुप्ता की प्रेरणा से रिश्ते में जीजा व साले ने एक साथ गुरुवार को नसबंदी करा ली। कोविड काल में पुरुष नसबंदी से परिवार नियोजन कार्यक्रम को मजबूती मिलेगी।

शोहरतगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में दो पुरुषों ने स्वेच्छा से नसबंदी कराया। परिवार नियोजन के तहत क्षेत्र के दो पुरुष और 28 महिलाओं ने अस्पताल पहुंचकर  चिकित्सकों की परामर्श के अनुसार नसबंदी कराने के उपरांत अपने घर वापस चले गए।

 चिकित्सा अधीक्षक डॉ पीके वर्मा ने कहा  कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए पुरुष व महिला नसबंदी का आयोजन स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर किया जाता है। लोगों को इस योजना का लाभ उठाना चाहिए।आज दो पुरुष और 28 महिलाओं ने अस्पताल पहुंचकर अपना नसबंदी करवाया।नसबंदी कराने वालों की स्थिति ठीक थी और उन्हें घर भेज दिया गया। इस दौरान डॉ आर पी राय, आशा सुमित्रा, गीता देवी, बीसीपीएम सुरेंद्र पाल आदि लोग मौजूद रहे।

 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शोहरतगढ़ के पल्टा देवी उपकेंद्र पर एएनएम गीता गुप्ता तैनात हैं। इसी उपकेंद्र के अंतर्गत हथियागढ़ में आशा बहू सुमित्रा देवी ग्रामीणों को परिवार नियोजन में हिस्सेदारी के लिए अस्थाई व स्थाई दोनों विधियां अपनाने के लिए लगातार प्रेरित करती हैं। आशा बहू व एएनएम ने परिवार नियोजन की स्थाई विधि नसबंदी कराने के लिए गांव के मनोज कुमार व नौगढ़ ब्लॉक क्षेत्र के महदेवा खुर्द निवासी रामजीयावन (मनोज के जीजा) को प्रेरित किया। यह दोनों लोग पहले नसबंदी को तैयार हुए, लेकिन बाद में पीछे हटने लगे। इसके बाद इन्हें ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर (बीसीपीएम) सुरेंद्र पाल ने प्रेरित करते हुए समझाया कि परिवार नियोजन में पुरुषों की भी भागीदारी हो रही है। नसबंदी होने के बाद भी दैनिक जीवन में कोई बदलाव नहीं आएगा। दिनचर्या पहले की तरह चलती रहेगी। इसके बाद दोनों नसबंदी कराने को राजी हुए। डीसीपीएम मानबहादुर ने बताया कि गुरुवार को दोनों लाभार्थियों को महराजगंज जिले के जिला अस्पताल भेज कर नसबंदी कराई गई है। कोविड काल में पुरुष नसबंदी जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है। इन दोनों लाभार्थियों की नसबंदी सर्जन डॉ. आरपी राय ने की।

लाभार्थी को मिलेंगी प्रोत्साहन राशि

पुरुष नसबंदी के लिए आगे आए दोनों लाभार्थियों को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से तीन-तीन हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह राशि लाभार्थियों के खाते में भेजी जाएगी।

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