शिव महापुराण की कथा मंगलकारी – आचार्य ब्रह्मा नन्द जी

देवेन्द्र श्रीवास्तव उसका बाजार

शिव महापुराण की कथा का श्रवण बहुत ही मंगलकारी है । सावन व मलमास के समय कथा का श्रवण दुगना फल प्रदान करता है। यह बातें कस्बा के प्राचीन शिव मंदिर उसका बाजार के परिसर में चल रहे शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन कथा वाचक आचार्य ब्रह्मानन्द जी ने कही है।उन्होंने विस्तार से कथा सुनाते हुए कहा कि
शैव मत संप्रदाय के लिए शिव पुराण पवित्र ग्रंथ है। इस धार्मिक ग्रंथ में शिव महिमा का वर्णन है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, शिव पुराण का पाठ करने से मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं, निःसंतान लोगों को संतान की प्राप्ति हो जाती है। अगर वैवाहिक जीवन से संबंधित समस्याएं आ रही हैं तो वे समस्याएं दूर हो जाती हैं। व्यक्ति के समस्त प्रकार के कष्ट और पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन के अंत में उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।


शिवपुराण में शिव के कल्याणकारी स्वरूप का तात्त्विक विवेचन, रहस्य, महिमा और उपासना का विस्तृत वर्णन है। इसमें इन्हें पंचदेवों में प्रधान अनादि सिद्ध परमेश्वर के रूप में स्वीकार किया गया है। शिव-महिमा के अतिरिक्त इसमें पूजा-पद्धति, अनेक ज्ञानप्रद आख्यान और शिक्षाप्रद कथाओं का सुन्दर संयोजन और भगवान शिव के भव्यतम व्यक्तित्व का गुणगान है।
कथा वाचक ने कहा कि शिव – जो स्वयंभू हैं, शाश्वत हैं, सर्वोच्च सत्ता है, विश्व चेतना हैं और ब्रह्माण्डीय अस्तित्व के आधार हैं। सभी पुराणों में शिव पुराण को सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण होने का दर्जा प्राप्त है। इसमें भगवान शिव के विविध रूपों, अवतारों, ज्योतिर्लिंगों, भक्तों और भक्ति का विशद् वर्णन किया गया है। कथा के अंत मे भव्य आरती व प्रसाद वितरण किया गया है।

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