गैर इरादतन हत्या व गम्भीर रूप से मारपीट करने के मामले में 10 दोषियों को 7 वर्ष का कठोर कारावास

Devesh Srivastav

सिद्धार्थनगर। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार ने गम्भीर रूप से मारपीट, जानमाल की धमकी एवं गैर इरादतन हत्या के जुर्म में 10 दोषियों को सात वर्ष के कठोर कारावास की सजा से दण्डित करते हुए प्रत्येक पर 12-12 हजार रुपये का अर्थदण्ड भी अधिरोपित किया है।

शोहरतगढ़ थानाक्षेत्र के ग्राम मदरहना उर्फ दत्तपुर निवासी रामकुमार पुत्र झगरू ने पुलिस को तहरीर देकर कहा कि 08 अक्टूबर 2006 को रात करीब 8:30–9:00 बजे उसके गांव के ही सन्तगुलाम व पंचगुलाम पुत्रगण हीरा को गांव के रामदास पुत्र रामदेव धोबी, रामपाल चौधरी पुत्र रामलखन चौधरी, लाल जी चौधरी पुत्र सीताराम चौधरी, यशवन्त चौधरी पुत्र महादेव, प्रकाश पुत्र मिश्रीलाल, वीरवल पुत्र लुटावन, तौलन पुत्र लुटावन लोनिया, रामसुभग पुत्र ढेबा, सत्यदेव पुत्र गुरूचरन, मिश्रीलाल पुत्र दशरथ, जयवन्त पुत्र महादेव, पंचगुलाम पुत्र शिवदीन, दिलीप कुमार पुत्र पंचगुलाम चौरसिया, विजय कुमार पुत्र पंचगुलाम, महादेव चौधरी पुत्र समुझ चौधरी निवासीगण ग्राम मदरहना उर्फ दत्तपुर तथा शिवमूरत चौरसिया ग्राम चोड़ार, थाना शोहरतगढ लाठी डण्डा, बल्लम, फरसा लेकर एकराय होकर मारपीट कर रहे थे,

जिसमें बचाव हेतु लक्ष्मन पुत्र पंचगुलाम, सर्वजीत पुत्र पंचगुलाम और वह खुद बचाने दौड़े तो उन लोगों ने लक्ष्मन व सर्वजीत को भी लाठी, डण्डा से मारा तथा उसे भी मारने के लिये दौड़ा लिए, जिससे वह भागकर घर में घुस गया तथा दरवाजा बन्द कर लिया।

मुल्जिमान ka पीछा करते हुये उसके दरवाजे पर आये तथा दरवाजे पर खड़ी नई मोटरसाइकिल को बुरी तरह से तोड़ दिये तथा दरवाजे को टांगी से काटते हुये लाठी, डण्डा से बरामदे में बिछी चौकी पर पीटने लगे। चौकी पर उसकी आठ माह की पोती सोयी थी जिसे किसी की लाठी डण्डा से चोट लग गयी, जिससे उसकी मृत्यु हो गयी है।

मुल्जिमान के डर के कारण वह लोग रात में थाना नहीं आ सके। मौका पाकर बचते हुये अपनी मृतक पोती साधरी को लेकर थाना आये हैं। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर विवेचना किया और विवेचना करके मुल्जिमानों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया।

न्यायालय ने मामले का संज्ञान लेकर विचारण प्रारम्भ किया। विचारण के दौरान अभियुक्त दिलीप कुमार पुत्र पंचगुलाम नाबालिग घोषित हुआ जिससे उसकी पत्रावली पृथक कर दी गयी और अभियुक्त महादेव पुत्र रामसमुझ एवं तौलन पुत्र लुटावन की मृत्यु हो गयी। विचारण की समाप्ति पर दोनों पक्षों की बहस को सुनकर पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, चिकित्सकीय परीक्षण रिपोर्ट व मामले तथ्यों एवं परिस्थितियों का सम्यक परिशीलन करते हुए। रामदास पुत्र रामदेव धोबी, यशवन्त पुत्र महादेव, जयन्त कुमार पुत्र महादेव, वीरबल पुत्र लुटावन, प्रकाश पुत्र मिश्रीलाल, रामसुभग पुत्र ढेबा, सत्यदेव पुत्र गुरुचरन, मिश्रीलाल पुत्र दशरथ, पंचगुलाम पुत्र शिवदीन, विजय कुमार पुत्र पंचगुलाम को घटना का दोषी करार दिया।

सजा के बिंदु पर सुनवाई करने के उपरांत न्यायालय ने सभी दोषियों को सात वर्ष के कठोर कारावास से दण्डित करते हुए प्रत्येक पर 12-12 हजार रुपये का अर्थदण्ड भी अधिरोपित किया है। राज्य सरकार की तरफ से पीड़ित पक्ष की पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता चन्द्र प्रकाश पाण्डेय ने किया।

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