सिद्धार्थ नगर – अस्पतालों से धन उगाही सी एम ओ बी के अग्रवाल करवाते हैं इसमें हमारा कोई रोल नहीं – बी एन चतुर्वेदी & एम एम त्रिपाठी

प्रद्देश भर के अन्दर ऐसा कोई विभाग नहीं मिलेगा जिसमें अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारी विभाग के अध्यक्ष / अपने बॉस के आदेशों का उलंघन करता दिखाई पड़े | जूनियर अधिकारी बनाम विभाग अध्यक्ष के लड़ाई में जनपद में स्वस्थ्य सेवा बहल कैसे होगी यह बड़ा प्रशन है पैसे लेकर मानक विहीन अस्पतालों का सञ्चालन एक तरफ दूसरी ओर नए अस्पतालों का रेजिसट्रेसन और नवीनीकरण का काम अटका हुवा है उनका क्या होगा यह बड़े सवाल हैं |

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अस्पतालों द्वारा जांच के नाम पर धन उगाही के मामले ने नया मोड़ ले लिया है धन उगाही के मामले में हुवे वायरल वीडियो में सी एम ओ बी के अग्रवाल द्वारा लाखों की रिश्वत लिए जाने का मामला था लेकिन अब सी एम ओ बी के अग्रवाल ने मामले को घुमाते हुवे acmo बी एन चतुर्वेदी और पीसीपीएनडीटी के नोडल ऑफिसर एम एम त्रिपाठी पर आरोप लगाते हुवे उनके खिलाफ पुलिस कंप्लेंट किया गया है जिसमें बी के अग्रवाल ने कहा है कि उनके नाम पर दोनो अधीनस्थ अधिकारियों ने अस्पताल संचालकों को डरा धमका कर धन उगाही की गई है जिससे मेरी छवि धूमिल हो गई है।

सिद्धार्थनगर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के रिश्वत लेनदेन के वायरल वीडियो मामले ने अब नया मोड़ ले लिया है।

डिप्टी सीएमओ डॉक्टर बी एन चतुर्वेदी और नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी डॉक्टर एमएम त्रिपाठी ने खुद को निर्दोष बताते हुवे सीएमओ सिद्धार्थनगर बीके अग्रवाल पर लगाए गंभीर आरोप।

डॉ बी एन चतुर्वेदी का बयान मामले में रुपए की लेनदेन सीएमओ बीके अग्रवाल के कहने पर हुई हम तो थे सिर्फ एक माध्यम,इस मामले में डॉक्टर एमएम त्रिपाठी का कोई लेना देना नहीं ।

डिप्टी सीएमओ चतुर्वेदी ने अपनी सफाई में कहा कि करीब 4 महीने से चल रहा था यह प्रकरण अगर सीएमओ की नहीं थी संलिप्तता तो उन्होंने मामले की जानकारी होते हुए क्यों नहीं दिया उन्हें नोटिस।

ऑफिस में अस्पताल के प्रबंधक के उन्हें पैसा देने की बात पर पर क्यों नहीं किया कोई ऑब्जेक्शन क्यों स्वीकारी रुपए लेने की बात।

नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी एमएम त्रिपाठी ने भी इस मामले में सीएमओ पर लगाए गंभीर आरोप।
अस्पतालों और अल्ट्रासाउंड सेंटरों के सील होने के बाद बिना किसी आदेश के कैसे खुल गए उनके द्वारा सील किए गए सेंटर,इस मामले की भी हो जांच।

एमएम त्रिपाठी ने कहा कि उनके रिपोर्ट में आवेदन किए गए सेंट्रो में कमियां होने की वजह से अस्वीकृति के बावजूद सीएमओ ने लेन-देन कर करीब दो दर्जन से ज्यादा सेंटरों को जारी कर दिया रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र।
किन परिस्थितियों में उन्हें जारी हुआ प्रमाण पत्र इसकी भी हो गहनता से जांच।

डिप्टी सीएमओ बीएन चतुर्वेदी और नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी एम एम त्रिपाठी ने खुद को बताया निर्दोष और सीएमओ बीके अग्रवाल पर दबाव बनाकर गलत काम करवाने का लगाया आरोप।

बाईट-1बीएन चतुर्वेदी-डिप्टी सीएमओ
बाईट-2एमएम त्रिपाठी नोडल अधिकारी

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