जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था खुद वेंटीलेटर पर अंतिम सांसे गिन रही है जिसका जमकर फायदा क्षेत्र के निजी अस्पताल संचालक उठा रहे हैं और जनता को उल्लू समझकर बेमतलब की दवाएं और जांच में उलझा कर खूब जबरदस्त वसूली कर रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पीएचसी तिलौली के बगल में ही स्थित एक निजी हॉस्पिटल का मामला है जिसपर बोर्ड तो काफ़ी लम्बा चौड़ा लगा हुआ है और अंदर अल्ट्रासाउंड एक्स रे ब्लड टेस्ट धडल्ले से हो रहा जबकि पूरे हॉस्पिटल में कहीं भी संबंधित जांच हेतु प्रदत्त लाइसेंस खोजने पर मिला ही नहीं।
इसी तरह तहसील के अंतर्गत बांसी खेसरहा मिठवल पथरा काज़ी रूधौली करमा घोसियारी डिडई गोनहा जिगिनिहवा जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में बिना किसी डिग्री के अनगिनत छोटे बड़े हॉस्पिटल क्लीनिक और मेडिकल संचालित हो रहे हैं। जिस से आम जनता मुन्ना भाइयों के चक्कर में पड़ कर अपना पैसा और समय दोनो बर्बाद कर परेशान ही रहती है।
फिलहाल लोगो का कहना है कि सरकारी हॉस्पिटल में अगर ऐसी व्यवस्था होती तो क्यों हमे निजी और महंगे जगहों पर इलाज कराना पड़ता.? इसमें उपर से नीचे तक सभी मिलकर जनता को लूट रहे हैं,कोई सुनने वाला नहीं है।
फिलहाल जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था में व्याप्त सेटिंग गेटिंग के खेल को जनता भी समझने लगी है लेकिन मजबूरी मे करे तो क्या करें।