जिगनिहवां चेतिया माधवापुर मार्ग धक्कों और गड्ढों का सफ़र , ग्रामीण किसी ईश्चवरीय चमत्कार के इन्तेजार

कल्पना कीजिये कि आप आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं और आप के पास एक स्थान से दुसरे स्थान पर जाने के लिए ट्रांसपोर्ट नहीं है , आपके पास सडकें नहीं हैं , सभ्य समाज नहीं है , तकनीक नहीं है मंहगी शिक्षा है देश के सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं है |

navrangee prasad yadav  मिश्रौलिया बांसी

जिगनिहवां चेतिया माधवापुर मार्ग पर जगह जगह बड़े-बड़े सैकड़ो गड्ढे बने हुए हैं । राहगीरों को यात्रा करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

बने हुए गड्ढा लोग गिरकर चोटिल हो रहे हैं एक तरह से जानलेवा साबित हो रहा है। आपको बताते अभी कुछ महीना पहले जिगनिहवां चौराहे पर इसी मार्ग को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया था।

जिसमें 28 लोगों के ऊपर मुकदमा और जेल हुआ था। लेकिन सरकार के द्वारा कोई भी कारवाई नहीं किया गया अब जाकर कुछ दिन पहले पी.डब्लू. डी. विभाग के दौर जिगनिहवां चेतिया माधवापुर, होरिलापुर मार्ग सीमांकन किया गया था।

क्षेत्रवासियों में हर्षोल्लास एवं चाय की दुकान के चर्चा खूब हो रहा था। लेकिन बात यही पर नहीं खत्म हो रही है।सड़क कम गड्ढा अधिक दिखाई दे रहा है।

सनशाइन समय के पडताल में आज सुबह 10:00 बजे से रोड की स्थिति जानने के लिए रोड पर काफी समय घूमने के बाद जो नजारा देखा गया ।

बहुत ही दयनीय स्थिति दिखाई दे रहा है| जो प्रदेश सरकार के मंत्री , संसद और विधायक कहते हैं जो media में दिखाया जाता है उससे जमीनी स्तर पर कितना अंतर मिलता है | जिन ग्रामीणों का इस रोड पर घर है गाँव का सपर्क जुड़ता है सिर्फ वही लोग ही इस पर मजबूरी में यात्रा करते है क्योंकि इसका विकल्प उनले पास उपलब्ध नहीं है |

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