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– एडीएम द्वारा भूकंप से बचने का जनहित मे जारी दिशा निर्देश
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जाकिर खान
सिद्धार्थनगर । भूकंप आने पर घबराएं नहीं । शांत रहें। जैसे ही भूकंप के झटके शुरू हों । तो फौरन जमीन पर झुक जाए । किसी मजबूत मेज के नीचे आ जाएं । एक हाथ से सिर को ढकें और दूसरे हाथ से तब तक टेबल को पकड़े रहें । जब तक भूकंप के झटके बंद न हो जाएं । झटके रुकते ही फौरन बाहर निकलें । भूकंप के दौरान लिफ्ट का इस्तेमाल न करें ।
उक्त बाते अपर जिला अधिकारी(वि०/ रा०) मुख्य कार्यपालक अधिकारी ,जिला आपदा प्रवंधक प्राधिकरण उमा शंकर के द्वारा प्रदत्त दिशा निर्देश के क्रम मे जिले मे तैनात पुष्पांजलि आपदा विशेष दवारा जनहित मे बताया गया । सभी जिला वासी को बताया गया कि भूकंप के दौरान जितना सम्भव हो उतना सुरक्षित रहे ।
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भूकंप आने पर क्या न
करें
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शीशे ,खिड़कियों, दरवाजों तथा दीवारों से दूर रहें अथवा ऐसी कोई चीज जो गिर सकती हो (जैसे लाइटिंग फिक्सचर्स या फर्नीचर), से दूर रहें। भूकंप के षुरू होने पर, यदि आप उस समय पलंग पर हांे तो पलंग पर ही रहें। अपने सिर पर किसी तकिए को ढककर बचाएं जब तक कि आप किसी भारी लाइट फिक्सचर जो गिर सकती हो, के नीचे न आएं।
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भूकंप से बचने का तरीका
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भवनों, पेड़ों, बिजली के खम्भों व तारों से दूर रहें । अगर वाहन में हों तो रूकें और अन्दर ही रहें। पुल, बिजली के तारों, भवनों, खाई और तीव्र ढाल वाली चट्टानों से दूर रहें । भूकम्प भूस्खलनों को जन्म दे सकता है, अतः सतर्क रहें ।
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भकंप आने से पहले क्या होता है
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घर में पाई जाने वाली चींटी को भूकंप आने का आभास पहले ही हो जाता है. रिसर्च में पाया गया कि चींटी भूकंप की तीव्रता मापने वाले रिक्टर पैमाने पर 2.0 तक के झटके को महसूस कर लेती है, जिसको कभी इंसान महसूस नहीं कर सकता है।
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घर में भूकंप कैसे आता है
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धरती के अंदर कुल सात प्लेट्स हैं और ये प्लेट्स चलायमान रहती हैं। जहां प्लेट आपस में टकराती हैं उन्हें फाल्ट जोन कहते हैं। जब प्लेट टकराती हैं तो ऊर्जा बाहर निकलने की कोशिश करती है। इससे जो हलचल होती है वही भूकंप बन जाता है।
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