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विकास खंड बढ़नी और शोहरतगढ में ग्राम विकास के कार्यों में आर्थिक अपराध के मामले बढ़ रहे है । आम जनता को ऐसा लग रहा है कि यह सब जानबूझ कर नजर अंदाज किया जाता है जिससे इस आर्थिक लाभ / अपराध का दोहन कर सकें।
Kapilvastupost
सरकार स्वच्छता पर पूरा ध्यान दे रही है प्रशासन भी स्वच्छता के नाम पर पानी की तरह पैसा बह रहा है । जगह-जगह सार्वजनिक शौचालय बनवा रही है लेकिन शौचालय किसी काम के नहीं है क्योंकि विकास खण्ड बढ़नी में अधिकांश में ताले लगे हैं।
लगभग 80% शौचालय पूरी तरह से बंद पड़े हुए हैं या उपयोग योग्य ही नहीं है।
ऐसे ही एक मामला विकास खण्ड बढ़नी के ग्राम पंचायत लोहटी का प्रकाश में आया है । हमारी टीम जब वहां पहुंची तो वहां के कुछ ग्रामीणों द्वारा ये बताया गया कि इसको बने सालों बीत गए लेकिन अभी ये चालू नहीं हो सका।
लेकिन जिम्मेदार सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता मिशन पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं। जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग किया जा रहा है।
जिम्मेदार पूरी तरह से बेखबर हैं।
जिम्मेदार मातहतों द्वारा सिर्फ कागजों में संचालन दिखा कर धन का बंदरबांट किया गया है ।
ग्राम पंचायत लोहटी के सचिव अनुपम सिंह जो विकास खण्ड बढ़नी में ही एडीओ पंचायत के पद पर रहे । स्वच्छ भारत मिशन में योगदान देने के बजाय उन्हें ने भ्रष्टाचार में ही योगदान दिया देते है।
ऐसे करप्ट अधिकारियों की वजह से सरकार की किरकिरी होती है वो अपने काम को सही ढंग से न करके सिर्फ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में लगे हुए हैं।
जबकि उत्तर प्रदेश को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने की प्रक्रिया को योगी आदित्यनाथ सरकार नई उड़ान देने की कोशिश कर रही है इसके लिए प्रदेश को खुले में शौच से पूरी तरह मुक्ति दिलाने की योजना को युद्ध स्तर पर पूरा कराया गया।
लेकिन वाह रे व्यवस्था कागजों में कुछ और धरातल पर कुछ और। जितनी ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत काम हो रहे हैं मास्टर रोल की अपेक्षा कार्यस्थल पर अधिकतम दस प्रतिशत ही मजदूर काम पर दिखते हैं।
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