थाना ढेबरुवा – गडरखा में घर में घुसकर मारपीट के दौरान एक वृद्ध की मौत के मामले में ग्राम प्रधान रविंद्र शर्मा को गुर्गों के साथ पांच अभियुक्त गिरफतार न्यायालय ने भेजा जेल

गैर इरादतन हत्या के पांच अभियुक्त गिरफतार, न्यायालय ने अपनी हिरासत में भेजा जेल

👉सीजेएम श्रद्धा भारतीय ने अभियुक्तों को लिया न्यायिक हिरासत में, पुलिस रिमांड किया अस्वीकार

D K Srivastav
सिद्धार्थनगर। गैर इरादतन हत्या के पांच अभियुक्तों को ढेबरुआ पुलिस ने गिरफ्तार किया। अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद उन्हें न्यायालय में पुलिस रिमांड के लिए पेश किया जिसे सीजेएम श्रद्धा भारतीय ने अस्वीकार करके अपनी हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।

पांचों अभियुक्त ढेबरुआ थाने के गड़रखा गांव के रहने वाले हैं जिनका नाम रविन्द्र, पंकज, हरेंद्र पुत्रगण रामदीन, जगदीश पुत्र रामकिशुन एवं आशीष पुत्र सुमिरन है। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने उन्हें जेल में दाखिल कर दिया है।

घटना ढेबरुआ थानाक्षेत्र के गड़रखा में 29 मई की सुबह 10:30 बजे घटी थी। ढेबरुआ थाने के गड़रखा निवासी लवकुश यादव पुत्र स्व० बंशराज ने अभियुक्तों के खिलाफ पुलिस को नामजद तहरीर देते हुए कहा कि गलती से फोन लग जाने की बात की वजह से 29 मई 2024 को सुबह 10.30 बजे उसके ही गांव के रवीन्द्र, पंकज पुत्र रामदीन व जगदीश पुत्र रामकिशुन, आशीष पुत्र सुमिरन उसके मामा घुरहू को मां बहन की गाली गुफ्ता देते हुए घर में घुसकर मारने पीटने लगे।

हल्ला-गुहार की आवाज सुनकर बगलगीर अब्दुल मजीद छुडाने गये तो उनलोगों ने उन्हें भी मार पीट कर घायल कर दिया तथा जान से मारने की धमकी भी दिये।

घायलों को पीएचसी बढ़नी ले जाया गया जहाँ अब्दुल मजीद की हालत खराब देखते हुए उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। इलाज़ के दौरान ही गुरुवार को उनकी मौत हो गयी।

लवकुश की सूचना पर प्रधान रविन्द्र शर्मा सहित कोटेदार व अन्य पर पुलिस ने घर मे घुसकर मारपीट करने व जानमाल की धमकी के अपराध में केस दर्ज कर लिया। घायल अब्दुल मजीद के मौत की सूचना पर पुलिस ने लाश का पंचनामा व पोस्टमार्टम करवाया।

विवेचना के दौरान बयान के आधार हरेंद्र का बढ़ाते हुए गैर इरादतन हत्या एवं बलवा के अपराध की बढोत्तरी करते हुए अभियुक्तों को गिरफ्तार किया और मारपीट में इस्तेमाल हुए लाठी व लोहे की रॉड को पुलिस ने अभियुक्तों की निशानदेही पर बरामद किया।

इसके बाद उन्हें न्यायालय में पुलिस रिमाण्ड पर लेने के लिए अप्लीकेशन सहित पेश किया। न्यायालय ने घटना के तथ्यों परिस्थितियों, एफआईआर, केस डायरी व अन्य प्रपत्रों सहित पुलिस रिमांड एप्लिकेशन का अवलोकन किया तथा पुलिस रिमांड का उचित आधार न पाकर अस्वीकार करके अभियुक्तों को अपनी हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।

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