एस एस बी ने पांच नेपाली नाबालिक युवकों को मानव तस्करी के चंगुल से बचाया
जे पी गुप्ता
सिद्धार्थनगर। भारत नेपाल सीमा के ककरहवा बॉर्डर से सोमवार की देर शाम को पांच नेपाली नाबालिक युवकों को मानव तस्करी के चंगुल से बचाने में सशस्त्र सीमा बल 43वी वाहिनीं के जवानों एव मानव सेवा संस्थान सेवा के कर्मियों ने सफलता पाई है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक भारत नेपाल सीमा के ककरहवा सीमा पर नेपाल राष्ट्र के रूपनदेही जिले का रहने वाले पांच नेपाली नाबालिक युवक को नौकरी का झांसा देकर मानव तस्कर भारत मे किसी बड़े शहर में ले कर जाने के फिराक में था।
नाबालिक युवकों को भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने के उपरान्त उन्हें रोकर बॉर्डर पर पूछ ताक्ष की गई। जिसमें बच्चो ने बताया कि एक आदमी उन लोगो को नौकरी का झांसा देकर भारत लाया है। ततपश्चात युवकों द्वारा बताए गए हुलिया के मुताबिक बहुत खोज बीन हुई लेकिन ट्रेफिकर नही मिला।
जिसके पश्चात पांचो नेपाली नाबालिक युवकों को एसएसबी के जवानों एव मानव सेवा संस्थान के कर्मियों द्वारा गहनता से पूछ ताक्ष करने पर मामला मानव तस्करी से प्रेरित लगा। मौके पर पहुची एसएसबी की एएचटीयू टीम ने भी गहनता से पूछ ताक्ष किया।
जिससे मामला मानव तस्करी से प्रेरित लगने पर पांचो नाबालिक नेपाली युवको को नेपाल एपीएफ की उपस्थिति में नेपाल पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया। नेपाली नाबालिक युवको को मानव तस्कर के चंगुल से बचाने में मुख्य रूप से असिस्टेंट कमाण्डेन्ट रूप लाल, निरीक्षक तासी पलदन, सहायक उप निरीक्षक प्यार चन्द, घनश्याम, मुख्य आरक्षी गोटेकर, आरक्षी शुभांकर डे,
मानव सेवा संस्थान सेवा केंद्र प्रभारी जय प्रकाश गुप्ता शामिल रहे।
43वाहिनी के उप कमांडेंट सुस्वपन कुंडु ने कहा कि वर्तमान समय में मानव तस्करी के मामलों पर सशस्त्र सीमा बल के द्वारा पैनी नजर रखी जा रही है जिससे कि किसी भी गरीब परिवारों के बच्चों और लड़कियों को मानव तस्करी में संलिप्त व्यक्ति, नौकरी, शादी व प्यार का झांसा दे कर तथा बहला फुसला कर नेपाल से भारत या भारत से नेपाल तस्करी न कर पाए और उनका शोषण न हो सकें ।