सिद्धार्थ नगर – अल्लाह के आखिरी नबी की शान में मुस्लिम नौजवानों ने किया रक्तदान

जामा मस्जिद के सदर अल्ताफ हुसैन ने कहा कि धर्म का उद्देश्य मानव कल्याण और समाज की भलाई होना चाहिए। धर्म को कभी भी व्यक्तिगत हित, शक्ति या विभाजन के लिए नहीं उपयोग किया जाना चाहिए।

हमें ख़ुशी है कि हमने टकराव के मौके पर इंसानियत को बढ़ावा  दिया है | मैं सभी मुस्लिम नौजवानों को मुबारकबाद देता हूँ | जिहोने यह शानदार काम मानवता के कल्याण के लिए किया है |
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अल्लाह के प्यारे नबी मुहम्मद [ स अ ] के जन्मदिन पर क़स्बा शोहरतगढ़ स्थित मस्जिद परिसर में मुस्लिम नौजवानों के एक समूह ने नबी की शान में रक्तदान कर एक सराहनीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।

यह घटना किसी धार्मिक उत्सव के दौरान हुई, जब युवा समुदाय ने मानवता की सेवा में योगदान देने के लिए रक्तदान का आयोजन किया।

इन युवाओं का कहना था कि नबी की शिक्षाओं में इंसानियत, भाईचारा और सेवा की भावना को सर्वोच्च माना गया है, और रक्तदान करके वे इन मूल्यों का पालन कर रहे हैं।

रक्तदान कार्यक्रम के आयोजकों ने कहा कि इसका उद्देश्य न सिर्फ जरूरतमंदों की मदद करना था, बल्कि समाज में शांति और भाईचारे का संदेश देना भी था। बड़ी संख्या में लोगों ने इस पहल का स्वागत किया और इसे एक प्रेरणादायक कदम बताया, जो सामुदायिक एकता और आपसी सहयोग को बढ़ावा देता है।

रक्तदान के इस आयोजन ने समाज के सभी वर्गों में यह संदेश फैलाया कि धार्मिक विश्वास के साथ-साथ मानवता की सेवा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।

मेडिकल कैंप में स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा इस मेडिकल कैम्प में  असलम अंसारी, शमसुद्दीन अंसारी, तौफीक असारी, अकमल अंसारी, सदरुद्दीन अंसारी ,सरफराज अंसारी, शमशेर अंसारी, हाफिज शमशीर अहमद राइनी, नवाज अहमद, शकील अली, राशिद अहमद ,फरहान अहमद ,अली हुसैन ,सिराज अहमद, यामीन खान आदि उपस्थित रहे |

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