नकल कराने के साक्ष्य प्राप्त होने वाले परीक्षा केंद्रों को आगामी 3 वर्ष के लिए किया जाएगा डिवार- डॉ अविनाश प्रताप सिंह

जे पी गुप्ता

सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु में गुरुवार को संबद्ध महाविद्यालयों में आयोजित होने वाली सेमेस्टर परीक्षा एवं वार्षिक परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने हेतु केंद्राध्यक्षो एवं प्राचार्यों की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक को संबोधित करते हुए कुलपति प्रोफेसर हरि बहादुर श्रीवास्तव ने कहा कि गुणवत्ता युक्त शिक्षा और शुचिता पूर्ण परीक्षा संपन्न कराने में शिक्षक और विद्यालय प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

शिक्षक का धर्म है कि वह विद्यार्थियों में गुणवत्तायुक्त ज्ञान के साथ-साथ उत्तम नैतिक आचरण विकसित करें। इस दृष्टि से शिक्षा और परीक्षा की गरिमा छात्र और शिक्षक के हाथ में है। इन परिस्थितियों को स्वरूप प्रदान करने में प्राचार्य सहित विद्यालय प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। महाविद्यालय प्रशासन को विद्यार्थियों में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता का भाव पैदा करने का निरंतर प्रयास करना चाहिए।

इस प्रकार के सभी प्रयत्न शुचितापूर्ण परीक्षा और गुणवत्ता युक्त पढ़ाई का आधार स्तंभ साबित होगा। ज्ञानवान और चरित्रवान विद्यार्थी न केवल राष्ट्र के उत्थान में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगे अपितु अपना भी सर्वोत्तम विकास सुनिश्चित कर सकते हैं। कुलपति प्रोफेसर हरि बहादुर श्रीवास्तव ने कहा कि किसी भी कीमत पर साफ सुथरी परीक्षा संपन्न होनी चाहिए।

सभी केंद्र अध्यक्ष इस बात के लिए सर्वोत्तम योगदान करें कि उनके केंद्र पर नकल विहीन परीक्षा संपन्न हो। यही उनके यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को उनके द्वारा दी जाने वाली बड़ा उपहार होगा। कुलपति प्रोफेसर हरि बहादुर श्रीवास्तव ने कहा की यदि किसी केंद्र पर नकल कराने के साक्ष्य प्राप्त होंगे तो ऐसे परीक्षा केंद्रों को आगामी 3 वर्ष के लिए कढ़ाई के साथ डीवार किया जाएगा। और उनके विरुद्ध अन्य विधिक कार्यवाही की जाएगी।

परीक्षा से संबंधित विस्तृत जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक एवं कुलसचिव राकेश कुमार ने बताया कि इस बार परीक्षा से संबंधित समस्त प्रपत्र और विस्तृत निर्देश महाविद्यालय के लॉगिन आईडी पर उपलब्ध करा दिया गया है। विद्यार्थियों के और विशेष रूप से छात्राओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अधिक से अधिक परीक्षा केंद्र विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी बनाए गए हैं।

ताकि परीक्षार्थियों को अधिक दूर परीक्षा देने ना जाना पड़े। नकल विहीन परीक्षा कराने की पूरी जिम्मेदारी केंद्राध्यक्ष की होगी। विश्वविद्यालय स्तर पर भी सुचिता पूर्ण परीक्षा कराने के लिए परीक्षा वार रूम बनाया गया है । जो सभी परीक्षा केंद्रों से ऑनलाइन जुड़ा रहेगा। परीक्षा के दौरान किसी भी केंद्र की सीसीटीवी कैमरा और वॉइस रिकॉर्डर बंद नहीं रहना चाहिए।

विश्वविद्यालय स्तर पर वार रूम में सघन मानिटरिंग किया जाएगा। परीक्षा नियंत्रक राकेश कुमार ने बताया कि गुरुवार रात तक सभी नोडल केंद्रों पर संबंधित प्रश्न पत्र पहुंच जाएंगे। परीक्षा केंद्रों पर प्राप्त प्रश्न पत्रों को समय सारणी से अवश्य मिलान कर लिया जाए। एक बात का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है की परीक्षा से निर्धारित समय पूर्व ही प्रश्न पत्र खोले जाएं और प्रश्न पत्र खोलने से पूर्व भली-भांति इसका मिलान कर लिया जाए कि जिस विषय का पेपर होना है उसी का प्रश्न पत्र भी खोला जाए ।

कक्ष पर्यवेक्षक भली-भांति सुनिश्चित करने के बाद ही उत्तर पुस्तिकाओं पर हस्ताक्षर करेंगे । उत्तर पुस्तिका में जो भी सूचनाएं मांगी गई हैं वह साफ-सुथरी भरी जाए। साथ ही सभी प्रपत्र भी व्यवस्थित एवं पूर्ण ढंग से भरकर विश्वविद्यालय को तय समय में भेजा जाए ।

इस अवसर पर अधिष्ठाता कला संकाय प्रोफेसर हरीश कुमार शर्मा ने भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सेमेस्टर परीक्षा से संबंधित को करकुलम कोर्स वोकेशनल कोर्स एवं माइनर कोर्स के संबंध में उपस्थित केंद्राध्यक्ष से चर्चा किया। मंच पर अधिष्ठाता वाणिज्य संकाय प्रोफ़ेसर दीपक बाबू ,अधिष्ठाता विज्ञान संकाय प्रोफेसर देवेश कुमार, सहायक कुलसचिव डीएम यादव, शेख अंजुम, उपस्थित रहे। कार्यक्रम में प्रोफेसर सुशील कुमार तिवारी, शिक्षक संघ अध्यक्ष डॉक्टर पूर्णेश नारायण सिंह, संबद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्य अथवा केंद्राध्यक्ष तथा विश्वविद्यालय के शिक्षक उपस्थित रहे।

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