उर्स ए बदरे मिल्लत बढ़या का 31 वां सालाना उर्स 09 अप्रैल शनिवार को सुनिश्चित- मौलाना नुरानी शाह
इसरार अहमद
मिश्रोलिया सिद्धार्थनगर
विकास खंड खुनियांव अन्तर्गत स्थित स्व. मौलाना बदरुद्दीन बढ़या का उर्स ए पाक शनिवार को बड़े ही धूमधाम से मनाए जाने की तैयारी चल रही है, बताते चलें कि विगत दो वर्ष से कोरोना महामारी के कारण कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा था। लेकिन इस बार हजरत बदरे मिल्लत के मजार शरीफ पर उर्स ए पाक बड़े ही धूमधाम से मनाए जाने की तैयारियां कमेटी के तरफ़ से की जा रही हैं।
मौलाना बदरुद्दीन उर्फ़ बदरे मिल्लत का यह 31 वाँ उर्स ए पाक है।
हज़रत का उर्स ए पाक प्रत्येक वर्ष 07 रमज़ान के शाम से पूरी रात मनाई जाती है, इस उर्स में देश व प्रदेश के अलावा पड़ोसी मुल्क नेपाल से अकीदतमंद मर्दों औरतों व बच्चों सहित भारी संख्या में जायरीनों का हुजूर बदरे मिल्लत के आस्ताने पर हाज़िरी होती है।
उर्स की तमाम तैयारियां मौलाना नूरानी शाह बदरी सज्जादा नशीन आस्ताना बदरे मिल्लत के देख रेख़ में होना है।
आयोजक मौलाना नूरानी शाह ने कहा कि उर्स की सारी तैयारियां मुकम्मल कर ली गई है, दूर दराज से आने वाले अकीदत मंद जायरीनों के लिए व्यवस्था चाक चौबंद कर दिया गया है।
आस पास के अकीदतमदों का कहना है कि हज़रत बदरे मिल्लत जब तक रूहे जमीं पर थे तब- तक बेगैर भेदभाव के हमेशा लोगों को बुराइयों से रोकने और भलाई करने का सलाह देते रहे, जो भी उनके पास जाते थे उनको नेक सलाह और दुआएं देते थे, उनके दुआओं में बताने वाले बताते हैं बहुत असर हुआ करता था ,वैसे उन्होंने अपने जीवन में बहुत सारी किताब लिखीं है लेकिन सबसे मशहूर किताब तामीरे अदब का कुछ अलग ही पहचान है।