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अकरहरा स्थित दाना बनाने वाली कम्पनी का बिना पूर्व सूचना के उनके प्राइवेट लाइन को काट दिया गया जबकि उनका कोई बकाया नहीं था , विद्युत् विभाग की इस कार्यवाही से कम्पनी संचालकों ने कम्पनी को बंद करने की बात कही |
DEMOCRATE
सिद्धार्थ नगर – जनपद में कृषि के इतर उद्दोग धंधे बढाने के सरकारी प्रयासों के पश्चात एकाध जगह उद्दोगों कि स्थापना तो हो गयी लेकिन उसके सञ्चालन में रोड़े उत्पन्न हो रहे हैं जिस कारण से कम्पनी खुलते ही बंद होने के कगार पर आ चुकी है |
शोहरतगढ़ तहसील क्षेत्र के बढ़नी कसबे से सटे अकरहरा गाँव में 2023 में मछलियों का दाना बनाने वाली कम्पनी कि स्थापना सांसद जगदम्बिका पाल के अथक प्रयासों से की गयी थी | कम्पनी पिछले छ महीने से अपना काम काज सुरु कर चुकी है लेकिन आज छ महीने बाद कम्पनी के अधिकारीयों ने कहा कि उनकी कंपनी घाटे में चला रही है जिसे हम बंद करने जा रहे हैं |
दाना बनाने वाली कंपनी के फाउंडर ने कहा कि इंडस्ट्रियल कनेक्शन होने के बावजूद ग्रामीण स्तर की बिजली आपूर्ति दी जा रही है, जिससे उनका उत्पादन प्रभावित हो रहा है। उद्योगपतियों का कहना है कि उन्हें 24 घंटे निर्बाध बिजली मिलनी चाहिए, लेकिन कम वोल्टेज और बार-बार की कटौती से मशीनें सही से काम नहीं कर पा रही हैं।
कई बार बिजली इतनी कमजोर होती है कि बड़े उपकरण चालू ही नहीं हो पाते। इससे उत्पादन क्षमता घट गई है और कंपनियों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। उद्योग संचालकों ने कहा बिजली विभाग से इंडस्ट्रियल ग्रिड से कनेक्शन होने के बावजूद उम्हें निर्बाध रूप से बिजली नहीं दी जा रही है |
बिना पूर्व सूचना के बिजली कटौती से उद्योगों को भारी नुकसान, समस्या का हल नहीं होने पर कम्पनी बंद करने को कहा
फाउंडर मेम्बर ने कहा शहर की दाना बनाने वाली कंपनियों को बिना पूर्व सूचना के बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उद्योगपतियों के अनुसार, अचानक बिजली गुल होने से उत्पादन रुक जाता है और लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। मशीनें बंद होने से कच्चा माल भी खराब हो रहा है।
कंपनी अधिकारी का कहना है कि बिजली विभाग बिना सूचना दिए आपूर्ति बंद कर देता है, जिससे उनकी उत्पादन प्रक्रिया प्रभावित होती है। उद्योगपतियों ने प्रशासन से स्थायी समाधान की मांग की है। इस समस्या को लेकर जल्द ही डी एम से मुलाकात कर वह इस समस्या से अवगत कराएँगे ।
कनेक्शन काटने को लेकर बिजली विभाग के सम्बंधित जे इ का मोबाइल स्विच ऑफ रहा |
बताते चलें कि बिजली विभाग की मनमानी चरम पर है। बिना किसी पूर्व सूचना और बिना बकाया के इंडस्ट्रियल कनेक्शन काटना सरासर अन्याय है। क्या विभाग को अंदाजा भी है कि इस तरह की मनमानी से उद्योगों को लाखों का नुकसान झेलना पड़ता है? एक तरफ सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर बिजली विभाग उनकी कमर तोड़ने पर तुला है।
इंडस्ट्रियल कनेक्शन के बावजूद ग्रामीण स्तर की बिजली देना और फिर मनमाने तरीके से कनेक्शन काट देना अधिकारियों की लापरवाही और उदासीनता को दर्शाता है। यदि जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो उद्योगपति आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।